वाराणसी से काठमांडू बस सेवा के संचालन से कंपनी का इंकार, मिला नोटिस
काठमांडू तक की बस सेवा घाटे की वजह से बंद है लिहाजा अब कंपनी को इस बाबत नोटिस जारी की गई है।
देवव्रत त्रिवेदी, वाराणसी : वाराणसी- काठमांडू बस सेवा का संचालन महीने भर से बंद है। दोबारा कवायद शुरू हुई तो अबकी लखनऊ की कंपनी ने ही अपने हाथ खींच लिए। उसने उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम को आठ माह में छह लाख रुपये का घाटा होने का हवाला देते हुए बस संचालन से इंकार कर दिया है। अब हरकत में आए अफसरों ने कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय परिवहन प्रबंधक एसएन पाठक ने बताया कि बीते 13 जुलाई से बस सेवा ठप चल रही है, इसे नए सिरे से चलाने के लिए कंपनी से कहा गया है। अप्रैल 2018 से मैत्री बस सेवा : अप्रैल 2018 में मैत्री बस सेवा चालू हुई थी। लखनऊ की कौशिक लॉजिस्टिक लिमिटेड कंपनी को इसका संचालन करना था। 13 जुलाई से इसका संचालन बंद हो गया। शासन स्तर पर दबाव बना तो तीन अगस्त से चार सितंबर तक बस सेवा का नए सिरे से संचालन करने का आदेश जारी हुआ, लेकिन अब मामला फंस गया है। 14 घंटे में तय होता है सफर : वाराणसी से काठमांडू का सफर तय करने में करीब 14 घंटे लगते हैं। संचालित होने वाली एसी बस का एक ओर का किराया 1370 रुपये निर्धारित है। बनारस से औसतन 22 से 25 यात्री सफर करते थे। ईधन को लेकर फंसा पेंच : परिवहन विभाग द्वारा दी जाने वाली ईधन की दर काफी कम है, इसे लेकर वाराणसी से लेकर लखनऊ तक आला अधिकारियों को कई बार लिखा जा चुका है, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई। आए दिन बस में तकनीकी खराबी के चलते मरम्मत का खर्च कंपनी को उठाना पड़ता है। बोले अधिकारी : दोबारा बस संचालन के लिए तीन अगस्त को आदेश दिया जा चुका है। बस कंपनी से नुकसान का लिखित ब्यौरा मांगा गया है। नेपाल जाने वाले यात्रियों को कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है। - केके शर्मा, क्षेत्रीय परिवहन प्रबंधक बोले जिम्मेदार : बस संचालन से कंपनी नुकसान में है। आठ माह में ही करीब आठ लाख का घाटा झेल चुके हैं। रूट के चलते भी यह समस्या है। वाराणसी से गोरखपुर जर्जर मार्ग भी मुख्य कारणों में एक है।
- तारकेश्वरी केसरी, प्रबंधक, कौशिक लॉजिस्टिक कंपनी