Move to Jagran APP

Kashi Vishwanath Corridor : वाराणसी में कोरोना की दूसरी लहर भी नहीं रोक सका विश्वनाथ धाम का काम, अगस्त तक प्रोजेक्ट पूरा

काशी विश्वनाथ धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यहां मणिमाला के मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेज भी दुनिया के सामने पेश करने की तैयारी है। इन दस्तावेजों को तैयार करने के लिए पुरातत्व विभाग (एएसआई) भोपाल की तीन सदस्यीय टीम ने काम शुरू कर दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 01:04 PM (IST)
Kashi Vishwanath Corridor : वाराणसी में कोरोना की दूसरी लहर भी नहीं रोक सका विश्वनाथ धाम का काम, अगस्त तक प्रोजेक्ट पूरा
भोलेनाथ की नगरी काशी में काशी के कायाकल्प का काम थमा नहीं है।

वाराणसी, जेएनएन। बनारस ही नहीं पूरा देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है। लेकिन बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में काशी के कायाकल्प का काम थमा नहीं है। यहां बन रहे विश्वनाथ धाम का काम उसी रफ़्तार के साथ चल रहा है। यहां 650 मजदूर दो शिफ्टों में दिन-रात काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कि इसी साल अगस्त तक काम पूरा करने का टारगेट है। काशी विश्वनाथ धाम का स्वरूप अब धीरे-धीरे आकार ले रहा है। मंदिर के चौक का काम प्रगति पर है। गुलाबी पत्थरों की नक्काशीदार खूबसूरती उभरकर सामने आ रही है। धाम क्षेत्र की इमारतों की दीवारों पर अब बालेश्वर के पत्थर सजने लगे हैं। जो देखते बन रहा है।

prime article banner

दुनिया के सामने होंगे पुरातन ऐतिहासिक दस्तावेज

काशी विश्वनाथ धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यहां मणिमाला के मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेज भी दुनिया के सामने पेश करने की तैयारी है। इन दस्तावेजों को तैयार करने के लिए पुरातत्व विभाग (एएसआई) भोपाल की तीन सदस्यीय टीम ने काम शुरू कर दिया है। परियोजना में मिले प्राचीन मंदिरों का इतिहास, उनकी प्राचीनता, विशेषता के अलावा मंदिरों के निर्माता से जुड़ी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के लिए खरीदे गए 300 भवनों में से 60 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर मिले हैं। जिन्हे सहेज कर रखा गया है। 

5.3 लाख वर्गफुट में धाम

टिन की ऊंची दीवारों के अंदर पूरी सुरक्षा के बीच कारीगर, इंजीनियर और मजदूर इस 5.3 लाख वर्गफुट में धाम को आकार देने में लगे हैं। मंदिर परिसर से लेकर गंगा घाट तक 24 इमारतें बनाई जाएंगी। इसमें से 19 इमारतों पर काम चल रहा है। इसमें मंदिर परिसर, मंदिर चौक, जलपान केंद्र, अतिथि गृह, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, मुमुक्षु भवन अस्पताल का निर्माण शुरू हो चुका है। मंदिर चौक का हिस्सा सी शेप में बनाया जाएगा। यहां से श्रद्धालु सीधे मां गंगा का दर्शन कर सकेंगे।

दो लाख लोग कर सकेंगे दर्शन

भूकंप और भूस्खलन की स्थिति में भी मुख्य मंदिर परिसर की दीवार की मजबूती को बनाए रखने के लिए पीतल की प्लेटें प्रयोग में लाई जा रही हैं। वी आकार की छह इंच चौड़ी और 18 इंच लंबी 600 ग्राम वजन की पीतल की प्लेटों को पत्थरों से जोड़ने के लिए 12 इंच की गुल्ली लगाई जा रही है। गुल्ली का वजन भी 400 ग्राम के आसपास है। यही नहीं विशेष प्रकार के केमिकल लेपाक्स अल्ट्राफिक्स का इस्तेमाल पीतल और पत्थरों के बीच खाली जगह को भरने के लिए किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण होने के बाद दो लाख लोग आसानी से आ सकेंगे। जहां पहले श्रद्धालुओं के खड़े होने के लिए 5,000 वर्गफीट की जगह भी नहीं थी, वहीं इसके बनने के बाद दो लाख श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर सकेंगे।

हरियाली के लिए रखी गई 70 फीसदी जगह

काशी के मणिकर्णिका और ललिता घाट से कॉरिडोर की शुरुआत होगी। 5.3 लाख वर्गफुट में तैयार होने जा रहे इस एरिया में 70 फीसदी जगह हरियाली के लिए रखी जाएगी। धाम में घाट की ओर से आने के लिए ललिता घाट पर प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। इसके अलावा सरस्वती फाटक, नीलकंठ और ढुंढिराज गेट से भी विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया जा सकेगा। मंदिर परिसर में गर्भगृह से लगा हुआ बैकुंठ मंदिर, दंडपाणि के साथ तारकेश्वर और रानी भवानी मंदिर रहेगा। इसके अलावा गर्भगृह से लगे बाकी विग्रहों को परिसर के पास ही बनाया जाएगा। परिसर में 34 फीट ऊंचाई वाले चार गेट होंगे। पूरे परिसर में मकराना और चुनार के पत्थर लगेंगे। परिसर लाइट से जगमगाएगा। यहां धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व के पेड़ भी होंगे। कॉरिडोर के बाहरी हिस्से में जलासेन टैरेस बनाई जाएगी। इस टैरेस पर खड़े होकर गंगा जी के साथ ही मणिकर्णिका, जलासेन और ललिता घाट को भी निहारा जा सकेगा।

अगस्त 2021 तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा

345.27 करोड़ रुपए की लागत से काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण हो रहा है। अगस्त 2021 तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। भले ही कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन हो गया हो, मगर निर्माण कार्य जारी है। इसमें पूरी सुरक्षा बरती जा रही है।

- संजय गोरे, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग (काशी विश्वनाथ धाम खंड)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.