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काशी विश्‍वनाथ कारिडोर : संत समाज ने कहा, पीएम मोदी और सीएम योगी को हमारी भी उम्र लग जाए

दिव्य काशी भव्य काशी। अद्भुत अलौकिक अविश्वसनीय व श्रेष्ठतम है श्रीकाशी विश्वनाथ धाम। यह संभव हो पाया है देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से। यह पल इतिहास में दर्ज हो गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 09:53 AM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 09:53 AM (IST)
काशी विश्‍वनाथ कारिडोर : संत समाज ने कहा, पीएम मोदी और सीएम योगी को हमारी भी उम्र लग जाए
संत समाज ने कहा, पीएम मोदी और सीएम योगी को हमारी भी उम्र लग जाए

वाराणसी, मुकेश चंद्र श्रीवास्तव। दिव्य काशी, भव्य काशी। अद्भुत, अलौकिक, अविश्वसनीय व श्रेष्ठतम है श्रीकाशी विश्वनाथ धाम। यह संभव हो पाया है देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से। यह पल इतिहास में दर्ज हो गया है। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि इस पल के साक्षी बने। कुछ ऐसी ही बातें हर मुख से निकल रही थी, जो धाम के गेट नंबर चार से बाहर निकल रहे थे। अंदर दिव्य, भव्य मंदिर व प्रांगण। बाहर संत समाज का आम लोगों द्वारा दर्शन। पीएम के कार्यक्रम के बाहर निकल रहे साधु-संतों के चेहरे पर अलौकिक खुशी बहुत कुछ कह रही थी। हर कोई बोल रहा था, जब तक मोदी-योगी हैं, सनातन धर्म, आस्था के सभी केंद्र सुरक्षित व भव्यता की ओर अग्रसर रहेेंगे। इसलिए मोदी व योगी को हमारी उम्र लग जाए। संत समाज ने पीएम-सीएम को आशीर्वाद दिया।

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मोदी को मिल गया सृजन शक्तियों का आशीर्वाद

साध्वी ऋतंभरा ने कहा, विध्वंस करने वाले प्रबल नहीं होते। सृजन ही शाश्वत होते हैं। आस्थाओं को जिस तरह कुचला गया, हमारे स्वाभिमान का धुआं उड़ाने का प्रयत्न किया गया पर सारे षड्यंत्रों पर पानी फिर गया। बाबा विश्वनाथ के भव्य स्वरूप का दर्शन कर संत शक्ति धन्य हो गई। ऋतंभरा ने कहा कि संतजनों व सृजन शक्तियों का आशीर्वाद जिसे मिले वह हमेशा श्रेष्ठ रहता है।

...ताकि सैकड़ों वर्षों तक भारत भूमि की होती रहे रक्षा

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साक्षी बनकर बाहर निकलने वाले संतों ने मोदी व योगी को एक अद्भुत जोड़ी बताया। कहा, उन्हें हमारी भी उम्र लग जाए, ताकि वे सैकड़ों वर्षों तक भारत भूमि की रक्षा करते रहे। संतों ने मथुरा का नाम लिए बगैर कहा, भारत के वे केंद्र जो आस्था से पूजित होते हैं वे विध्वंसकारियों के पाप से मुक्त होने चाहिए। कथा वाचक मुरारी बापू हो या अन्य प्रसिद्ध व वरिष्ठ संत सभी यही कहते ही गेट से बाहर निकल रहे थे कि यह ऐतिहासिक पल रहा। मीडियाकर्मी भी संतों व अन्य नेताओं का वक्तव्य लेने के लिए आतुर रहे।


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