काशी विद्यापीठ और रूसी विश्वविद्यालय का नया संयुक्त पाठ्यक्रम
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और एक रूसी विश्वविद्यालय मिलकर संयुक्त पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को रूसी भाषा और संस्कृति का ज्ञान देना है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। यह भारत और रूस के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा और छात्रों के लिए नए अवसर खुलेंगे।

'रसियन कैरेक्टर इन द मिरर ऑफ द लैंग्वेज' विषयक दो सप्ताहिक कोर्स का शुभारंभ 03 नवम्बर को होगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी विद्यापीठ एवं कॉज़मा मिनिन नझनि नोवगरद स्टेट पेडागोजिकल विश्वविद्यालय, रूस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'रसियन कैरेक्टर इन द मिरर ऑफ द लैंग्वेज' विषयक दो सप्ताहिक कोर्स का शुभारंभ 03 नवम्बर को होगा।
यह कार्यक्रम वाराणसी स्थित काशी विद्यापीठ के मानविकी संकाय के स्मार्ट कक्ष में पूर्वाह्न 11 बजे कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी द्वारा प्रारंभ किया जाएगा।
इस कोर्स का संचालन रूस की शिक्षिका कोतल्यारेवस्कया नजेझदा इगरेवना करेंगी। काशी विद्यापीठ की रूसी भाषा की शिक्षिका डॉ. नीरज धनकड़ ने बताया कि यह कोर्स निशुल्क है और विश्वविद्यालय के अन्य संकायों एवं विभागों के छात्र भी इसमें भाग ले सकते हैं। कोर्स के समापन पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
डॉ. नीरज धनकड़ ने कहा कि यह कोर्स रूसी भाषा और संस्कृति को एक आकर्षक और अंतरक्रियात्मक तरीके से जानने का सुनहरा अवसर है। प्रतिभागियों को रूसी भाषा एक रूसी वक्ता से सीखने का मौका मिलेगा, जिसमें इंटरैक्टिव खेल और मजेदार गतिविधियों के माध्यम से रूसी परी कथाओं, गीतों और लोक कथाओं का ज्ञान प्राप्त होगा।
इस कोर्स का उद्देश्य न केवल भाषा कौशल को विकसित करना है, बल्कि रूसी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करना है। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा, जिससे वे भाषा के साथ-साथ संस्कृति की गहराई में भी उतर सकेंगे। यह कोर्स छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक अवसर है, जो उन्हें वैश्विक दृष्टिकोण से जोड़ने में सहायक होगा।

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