Kashi Vidyapeeth बढ़ी हुई परीक्षा शुल्क वापस, वाराणसी सहित पांच जिलों के तीन लाख विद्यार्थियों को राहत
कोरोना महामारी को देखते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने स्नातक वार्षिक परीक्षा की बढ़ी हुई शुल्क वापस ले ली है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी को देखते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने स्नातक वार्षिक परीक्षा की बढ़ी हुई शुल्क वापस ले ली है। वहीं जो परीक्षार्थी बढ़ी हुई परीक्षा शुल्क जमा कर दिए हैं। उनका शुल्क समायोजित किया जाएगा। वहीं अंतिम वर्ष के छात्रों को पैसा उनके खाते में स्थानांतरित किया जाएगा। विद्यापीठ के इस फैसले से वाराणसी सहित पांच जिलों के करीब तीन विद्यार्थियों को राहत मिल गई।
वित्त समिति ने स्नातक व स्नातकोत्तर के परीक्षा शुल्क 20 से 30 फीसद बढ़ोतरी की थी। राजकीय व अशासकीय कालेजों ने बढ़ी हुई स्नातक परीक्षा शुल्क जमा कर दी थी। वहीं वित्तविहीन महाविद्यालयों ने बढ़ी हुई शुल्क जमा करने से इंकार कर दिया। यही नहीं बढ़ी हुई शुल्क को लेकर गत 16 जनवरी को वित्तविहीन महाविद्यालयों के प्रबंधकों ने पंत प्रशासनिक भवन में जमकर हंगामा भी किया था। प्रबंधकों का महिला सुरक्षाकर्मी से हाथापाई भी हो गई थी। विद्यापीठ ने प्रबंधकों को आश्वासन दिया था कि वित्त समिति बुलाकर इस प्रकरण पर विचार किया जाएगा। हालांकि वित्तविहीन महाविद्यालयों ने परीक्षार्थियों का परीक्षा शुल्क नहीं जमा किया। छात्रहित में विद्यापीठ ने बगैर परीक्षा शुल्क जमा किए परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी। कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने बताया कि महामारी व छात्रहित को देखते हुए बढ़ी हुई शुल्क तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई है।