Kashi Vidyapeeth : अगले वित्तीय वर्ष में एक अरब रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का खर्च बढ़ता जा रहा है। अगले वित्तीय वर्ष में वेतन सहित विभिन्न मदों में एक अरब रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का खर्च बढ़ता जा रहा है। अगले वित्तीय वर्ष में वेतन सहित विभिन्न मदों में एक अरब रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। इसे देखते हुए आने वाले समय में घाटे वाले स्ववित्तपोषित कोर्सों को बंद होने का खतरा बढ़ गया है। फिलहाल ऐसे स्ववित्तपोषित कोर्सों में छात्र संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। यदि छात्र संख्या में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित कोर्स बंद कर दिए जाएंगे।
काशी विद्यापीठ में आधा दर्जन स्ववित्तपोषित कोर्स घाटे में चल रहे हैं। स्ववित्तपोषित कोर्सों में शुल्क से शिक्षकों को मानदेय देने का प्रावधान है। शैक्षिक संस्थानों को शुल्क का 75 फीसद राशि वेतन पर व 25 फीसद प्रशासनिक कार्यों पर खर्च करने की बाध्यता है। कुलपति प्रो. टीएन सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई वित्त समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक अरब, 14 करोड़ 56 लाख रुपये के अनुमानित बजट की मंजूरी मिल गई। अगले वित्तीय वर्ष में 16.62 करोड़ का अनुमानित घाटा दर्शाया गया है। वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में 94 लाख रुपये का घाटा होने की संभावना जताई गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में विभिन्न स्रोतों से 91.18 करोड़ रुपये का आय होने की उम्मीद जताई गई है। वहीं खर्च 92.12 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। वित्त समिति की संस्तुतियों को अब कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। बैठक में वित्त अधिकारी राधेश्याम, कुलसचिव डा. एसएल मौर्य, परीक्षा नियंत्रक डा. कुलदीप सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. ज्ञान प्रकाश वर्मा, पेशन व कोषागार की अपर निदेशक लक्ष्मी शुक्ला, आरपी सिंह सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
गंगापुर के विकास के लिए डेढ़ करोड़ रुपये
वित्त समिति ने गंगापुर परिसर के विकास के लिए डेढ़ करोड़ व भैरो तालाब परिसर के विकास के लिए 1.65 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है।
परीक्षा भवन का होगा विस्तार
विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा भवन को विस्तार देने का निर्णय लिया है। प्रशासनिक भवन-द्वितीय (परीक्षा भवन) में एक और तल के निर्माण के लिए बजट में 1.61 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार विधि संकाय के भवन के विस्तार के लिए 1.40 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
शताब्दी समारोह के लिए भी बजट आवंटित
वर्ष 2021 में विद्यापीठ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। शताब्दी समारोह के तहत विवि वर्तमान सत्र से ही विविध कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। शताब्दी वर्ष को भव्य रूप देने के लिए वित्तीय वर्ष 1919-20 में 25 लाख व 2020-21 में 75 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा अनुदान के लिए केंद्र व राज्य सरकार को भी प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है।
राष्ट्रीय महत्व के दर्जे के लिए पहल
विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिलाने के लिए वित्त समिति ने पहल तेज करने का निर्णय लिया है। शताब्दी वर्ष का हवाला देते हुए एक बार फिर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।