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    काशी तमिल संगमम् के प्रथम समूह ने काशी विश्वनाथ मंदिर में किया दर्शन पूजन, अन्नक्षेत्र में ग्रहण किया प्रसाद

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 01:55 PM (IST)

    काशी तमिल संगमम् के पहले समूह ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा की। तमिलनाडु से आए अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया। दर्शन के बाद समूह ने अन्नक्षेत्र में प्रसाद ग्रहण किया, जिससे उन्हें आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव मिला।

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    काशी पहुंचकर सदस्यों ने काशी की समृद्ध आध्यात्मिक धारा का अनुभव किया।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी तमिल संगमम् के प्रथम समूह के आगमन पर काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिकारियों ने परंपरागत गरिमा के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया। मंदिर प्रशासन ने पुष्प वर्षा और डमरू वादन की ध्वनि के बीच सम्पूर्ण समूह का स्वागत किया, जिससे सभी सदस्यों ने काशी की समृद्ध आध्यात्मिक धारा का अनुभव किया।

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    स्वागत के उपरांत सदस्यों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। दर्शन के पश्चात, मंदिर प्रशासन द्वारा समूह को काशी विश्वनाथ धाम के भव्य कॉरिडोर का विस्तृत भ्रमण करवाया गया।

    भ्रमण के दौरान सभी ने धाम के ऐतिहासिक स्वरूप, स्थापत्य कला, नवनिर्मित सुविधाओं और निरंतर बढ़ती श्रद्धा-धारा के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अनुभव ने सभी को काशी की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का कार्य किया।

    भ्रमण पूर्ण होने पर सभी अतिथियों के लिए मंदिर द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र में दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई। अन्नक्षेत्र में परोसे गए प्रसाद ने सभी को काशी की सेवा-परंपरा और अतिथि-भावना का गहरा अनुभव कराया।

    काशी तमिल संगमम् के इस प्रथम समूह का दर्शन और भ्रमण दोनों समुदायों के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संबंधों को और सुदृढ़ करने वाला सिद्ध हुआ। यह दिवस काशी और तमिल परंपराओं के संगम का महत्वपूर्ण प्रतीक बनकर स्मरणीय रहेगा।

    काशी विश्वनाथ मंदिर ने न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनने का कार्य किया, बल्कि सांस्कृतिक एकता को भी बढ़ावा दिया। इस आयोजन ने काशी और तमिलनाडु के बीच की गहरी सांस्कृतिक जड़ों को पुनः जीवित किया है, जो आने वाले समय में और भी मजबूत होंगी।