रासायनिक खाद से बीमार हुई काशी की मिट्टी, मुख्य व सूक्ष्म पोषक तत्वों की 87 फीसद तक कमी
खाद्य पदार्थो की जरूरतों को पूरा करने को खेतों में अंधाधुंध रासायनिक खादों का प्रयोग हो रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। खाद्य पदार्थो की जरूरतों को पूरा करने को खेतों में अंधाधुंध रासायनिक खादों का प्रयोग हो रहा है। इससे पर्यावरण को नुकसान तो हो ही रहा है, तमाम बीमारिया भी लोगों को चपेट में ले रही है। इससे काशी की मिट्टी भी नहीं बच पाई और निरंतर बेजान होती जा रही है। वर्तमान में मुख्य व सूक्ष्म पोषक तत्वों की लगभग 87 फीसद तक कमी आई है। हमारे शरीर की तरह ही मिट्टी को भी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। यह सड़-गले अवशेषों एवं कीटों से मिलती है। अत्यधिक रासायनिक खाद के कारण ये मर रहे हैं यानी मिट्टी को उचित भोजन नहीं मिल रहा है। यदि हम चेते नहीं तो खेत बंजर हो जाएंगे।
इससे उबरने के लिए हरहाल में घुर (जहां गोबर रखकर सड़ाया जाता है) तैयार करना होगा। गोबर की सड़ी खाद, बर्मी कंपोस्ट, नाडेफ कंपोस्ट, सनई व ढैंचा की बुआई कर हरी खाद का उपयोग कर इस कमी को दूर कर सकते हैं। नहीं चेते तो बंजर हो जाएंगे खेत मृदा परीक्षण से यह बात सामने आई है कि खेतों में करीब 87 फीसदी जीवाश कार्बन की कमी आई है। खेतों में पोषक तत्वों की मात्रा महज 0.2 से 0.5 फीसदी केमध्य पाई गई है जबकि जरूरत 0.8 फीसद की होती है। यदि हम नहीं चेते तो जल्द ही खेत बंजर हो जाएंगे। अभी 32 हजार हेल्थ कार्ड बांटने की दरकार वर्ष 2017-18 व 2018-31 मार्च 2019 तक (द्वितीय साइकिल/द्वितीय चरण) में पूरे जनपद में कुल 267565 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण लक्ष्य के सापेक्ष 235427 कार्ड वितरण किए गए यानि जो 32138 कार्ड नहीं बाटे जा सके।
क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा इसका कारण शहरीकृत गाव बताया जा रहा है। अप्रैल से अभी तक बने 1584 हेल्थ कार्ड एक अप्रैल 2019 से सभी आठों विकास खंडो में चयनित एक-एक माडल गावो में जोत वार मृदा नमूना लेने के नए नियम के तहत आठ माडल गावो से 1584 मृदा नमूना लेने का लक्ष्य निर्धारित था। क्षेत्रीय कृषि कर्मियों द्वारा सभी 1584 नमूने लेकर कलेक्टरी फार्म स्थित क्षेत्रीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में जाच तो किए गए मगर किसानों द्वारा आधार कार्ड न दिए जाने के चलते अबतक महज 1386 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण हो सके है।
कुछ किसानों द्वारा आधार कार्ड उपलब्ध न कराने पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड मुहैया नहीं कराया जा सका। वैसे विभाग की ओर से शेष वितरण करने की प्रक्रिया चल रही है। मृदा परीक्षण के लिए यहां पर लैब एवं मशीनें पर्याप्त हैं। -राजेंद्र प्रसाद, सहायक निदेशक क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला, वाराणसी
ये हैं चयनित माडल गांव : विकास खंड गांव आराजी लाइन बभनियाव काशी विद्यापीठ रमसीपुर चिरईगाव पनिहारी चोलापुर मुरली पिंडरा चमरू बड़ागाव फुलवरिया सेवापुरी गोसाईपुर हरहुआ माधोपुर