काशी बन रहा है योग हब, रूस और कजाकिस्तान जाते हैं बनारस के योग गुरु varanasi news
इन दिनों यहां पर एरियल योग का प्रशिक्षण अधिक दिया जा रहा है। एरियल योग में रस्सी के सहारे उनको पदमासन धनुष आसन और शीर्षासन का प्रशिक्षण दिया जाता है।
वाराणसी, जेएनएन। धर्म और संस्कृति की राजधानी बनारस योग सिखाने का भी हब बनता जा रहा है। वर्ष के कुछ महीनों को छोड़ दिया जाए तो यहां पर अमेरिका,रूस, कजाकिस्तान, यूक्रेन, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया और सूरीनाम सहित अन्य देशों के लोग योग का प्रशिक्षण लेने आते हैं। यहां से लोग योग का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने देश में योग का प्रशिक्षण भी देने का काम करते हैं।
35 वर्ष से नगवां में विदेशियों को योग का प्रशिक्षण दे रहे डा. राकेश पांडेय ने बताया कि रूस, कजाकिस्तान और यूक्रेन में बनारस के योग प्रशिक्षकों की बहुत मांग है क्योंकि यहां के प्रशिक्षक आसन, प्राणायाम और ध्यान के बारे में जानकारी तो देते ही हैं साथ ही लोगों को इसका प्रशिक्षण भी देते हैं। इन दिनों यहां पर एरियल योग का प्रशिक्षण अधिक दिया जा रहा है। एरियल योग में रस्सी के सहारे उनको पदमासन, धनुष आसन और शीर्षासन का प्रशिक्षण दिया जाता है।
डा. पांडेय ने बताया कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर और सूरीनाम के नागरिक बनारस में रह कर ही योग का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। ये एक से दो सप्ताह का प्रशिक्षण लेते हैं। प्रतिदिन इनका सत्र 45 मिनट से एक घंटा तक होता है। इनका अधिक जोर आसन, प्राणायाम और ध्यान पर अधिक होता है क्योंकि ये मानसिक शांति के लिए योग का सहारा लेते हैं। ये इस विश्वास से योग का प्रशिक्षण लेते है कि योग नहीं तो शांति नहीं और योग जान गए तो शांति को भी जान जाएगा।
हरिश्चंद्र कालेज में हिंदी के शिक्षक डा. पांडेय ने बताया कि योग के कुछ ऐसे आसन होते हैं जो मानसिक शांति तो देते ही है साथ ही शारीरिक सुंदरता को बढऩे में कारगर भी साबित होते हैं। यूरोपियन महिलाएं खासकर रूसी महिलाएं अपनी शारीरिक सुंदरता को लेकर काफी सचेत रहती हैं।
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