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काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक में करोड़ों के घोटाले पर बैठाई जांच, सात दिनों के अंदर देनी होगी रिपोर्ट

काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक में करोड़ों के घोटाले की जांच के लिए जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 04:10 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 10:38 PM (IST)
काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक में करोड़ों के घोटाले पर बैठाई जांच, सात दिनों के अंदर देनी होगी रिपोर्ट
काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक में करोड़ों के घोटाले पर बैठाई जांच, सात दिनों के अंदर देनी होगी रिपोर्ट

चंदौली, जेएनएन। काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक में करोड़ों के घोटाले की जांच के लिए जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। जांच समिति सात दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। इसमें धांधली का आरोप सही पाए जाने पर आर्थिक अपराध शाखा से पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कराई जाएगी। इसके आधार पर भ्रष्ट बैंककर्मियों व बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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बरहनी क्षेत्र के कम्हरियां गांव स्थित काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक शाखा से सबंद्ध किसान क्रेडिट कार्ड के खाताधारकों का बैंककर्मियों की ओर से स्वत: स्वास्थ्य बीमा कर दिया गया। मृतकों का भी स्वास्थ्य बीमा कर उनके खाते से 2780 से 4900 रुपये तक प्रीमियम काट लिए गए। जिले की अन्य शाखाओं में भी इस तरह के मामले सामने आने की आशंका जताई जा रही है। किसानों का आरोप है कि स्वास्थ्य बीमा के नाम पर काशी ग्रामीण बैंक की ओर से करीब 469 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। बैंककर्मियों ने बीमा कंपनी के अधिकारियों संग मिलीभगत कर किसानों के खाते से धनराशि बीमा कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दी। खाते से पैसा कटने के बाद हैरान-परेशान किसान बैंक पहुंचे तो बैंककर्मियों की कारस्तानी का पता चला। गाढ़ी कमाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से क्षुब्ध भुक्तभोगियों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी। बुधवार को किसान दिवस में भी मामला उठा । मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने  जांच बैठा दी। इसके लिए एलडीएम पवन कुमार झा, जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार भारती व सदर तहसीलदार फूलचंद यादव समेत अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। जांच कमेटी को सात दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है। जांच में धांधली की पुष्टि होने पर आर्थिक अपराध शाखा से पूरे प्रकरण की विस्तृत तफ्तीश कराई जाएगी। धांधली की पुष्टि होने पर किसानों की मांग के अनुरूप आर्थिक अपराध शाखा को जांच के लिए पत्र भेजा जाएगा।


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