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काशी आनंद में सूफी गीतों से सजी शाम का उठाया लुत्फ

भारत आनंद- काशी आनंद में लोगों ने सूफी गीतों संग संगीत व नृत्य का लुत्फ उठाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 10:59 AM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 10:59 AM (IST)
काशी आनंद में सूफी गीतों से सजी शाम का उठाया लुत्फ
काशी आनंद में सूफी गीतों से सजी शाम का उठाया लुत्फ

वाराणसी : दिनों दिन सफलता के शिखर की ओर बढ़ रहे विशिष्ट आयोजन भारत आनंद- काशी आनंद दर्शकों के दिलों में भी अपना स्थान बनाने लगा है। ख्याति प्राप्त के साथ ही नवोदित कलाकार भी पूरी तल्लीनता व उत्साह के साथ संगीत की साधना कर रहे हैं। शुक्रवार को भी नवोदित संगीत साधकों ने गायन, वादन व नृत्य की प्रस्तुति कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। गायक कलाकारों न सूफी गीतों की प्रस्तुति कर श्रोताओं को झूमने को विवश कर दिया।

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दैनिक जागरण की ओर से डा. राजेंद्र प्रसाद घाट के मुक्ताकाशीय मंच पर आयोजित काशी आनंद संगीत संध्या का आगाज कलाक्ष ग्रुप व पद्मविभूषण पं. सामता प्रसाद मिश्र (गोदई महाराज) के प्रपौत्र सनी मिश्र के सूफी गायन से हुआ। इन्होंने पहले 'तू माने या न माने दिलदारा' सुनाकर श्रोताओं को आनंदित किया। साथ ही 'छाप तिलक सब छीनी' सुनाकर सभी को झूमा दिया। इनके साथ तबले पर जय मिश्र, ढोलक पर विक्रम कांत, आर्गन पर राकेश, पैड पर विशाल डीरोजारियो के साथ ही गायन में राजेश, जावेद व शुभम कुमार ने साथ दिया। शिवम मिश्र सितार व विशाल कुमार गुप्त तबला की जुगलबंदी भी प्रभावशाली रही।

प्रख्यात कथक कलाकार पं. माता प्रसाद मिश्र की शिष्या सुदीपा बनर्जी का एकल कथक भी सराहनीय रहा। इन्होंने गुरु वंदना के साथ ही कथक की पारंपरिक प्रस्तुति से वाहवाही बटोरी। समापन दादरा 'रंगी साड़ी गुलाबी चुनरिया हो' से किया। इसी क्रम में आर्य महिला पीजी कालेज की संगीत विभाग की शिक्षक डा. रूचि मिश्र का गायन हुआ। इन्होंने भगवान शिव का भजन 'डिमिक-डिमिक डमरू बाजे, प्रेम मगन नाचे भोला' के साथ ही 'प्यारे भोले को चढ़ गई भांग' सुनाकर श्रोताओं का दिल जीता। इनके साथ तबले पर आशुतोष मिश्र, हारमोनियम पर पंकज शर्मा ने संगत किया।

नृत्य निर्देशक रश्मि वर्मा व अपराजिता पटेल के निर्देशन में बाल कलाकारों ने सामूहिक कथक की भावपूर्ण प्रस्तुति की। अनुष्का सिंह, वेदिका सिंह, याहवी साहनी, वंशिका सिंह, अरायना सिंह व आराध्या श्रीवास्तव ने कृष्ण वंदना के साथ ही ठुमरी 'मत रोको ना रे संवरिया, भजे विजे हे कमंडलम' पर भावपूर्ण कथक की प्रस्तुति की। समापन कृति के सूफी गायन से हुआ। इन्होंने छाप तिलक व नियज कोई जोगी आ रे सुनाकर श्रोताओं का दिल जीता। इनके साथ ढोलक पर अरविंद सिंह, हारमोनियम पर मुन्नीलाल व चंग पर सूरज कुमार ने संगत की।

समापन प्रशंसा पत्र वितरण से हुआ। मुख्य अतिथि पूर्वोत्तर भारत के बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक आरएन झा ने कलाकारों को प्रशंसा पत्र प्रदान कर सभी का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन सुरभि सोनकर व कन्हैया दुबे केडी ने किया।

मनमोहक व शानदार कार्यक्रम

मुख्य अतिथि पूर्वोत्तर भारत के बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक आरएन झा ने कहा कि भारत आनंद काशी आनंद की प्रस्तुति मनमोहक व शानदार है। यह कार्यक्रम कलाकारों को काशी ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत में पहचान दिलाएगा। इसके लिए जागरण की जितनी भी सराहना की जाए कम है। इनकी पत्नी कुमकुम झा व पुत्र रोहित कुमार झा ने भी कार्यक्रम की सराहना की।


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