काशी आनंद में गायक कलाकारों के साथ ही वाद्ययंत्र के साधकों ने किया मंत्रमुग्ध
काशी आनंद में जाह्नवी तट पर गुरुवार को सुहाने मौसम के बीच गायकों के साथ वाद्ययंत्र के साधकों ने किया मंत्रमुग्ध।
वाराणसी : जाह्नवी तट पर गुरुवार को सुहाने मौसम के बीच घाट की सीढि़यों में टकटकी लगाए सुधि संगीत रसिकों ने गायन, वादन व नृत्य की सुमधुर रसवर्षा से विभोर होते रहे। यूपी के नवोदित कलाकारों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों के जरिये अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
दैनिक जागरण की ओर से डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित भारत आनंद-काशी आनंद में गुरुवार को उत्तर प्रदेश के कलाकारों की लंबी श्रृंखला के बावजूद दर्शक अंत तक डटे रहे। कार्यक्रम का आगाज प्रख्यात तबला वादक पं. लच्छू महराज के भतीजे कृष्णा महाराज के स्वतंत्र तबला वादन से हुआ। इन्होंने मंच पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हुए भिन्न-भिन्न तालों के तहत उठान, गत, कायदा, रेला प्रस्तुत किया। इनके साथ हारमोनियम पर नीरज पांडेय व बांसुरी पर राजा ने साथ दिया। ख्यात नृत्यागना डा.ममता टंडन की शिष्या बाल कलाकार शांभवी सेठ के कथक नृत्य में उनकी कठिन तपस्या नज़र आ रही थी। कथक की बारीकियों को जिस तरह से उन्होंने प्रस्तुत किया, वह सराहनीय रही। शांभवी ने संगीतबद्ध गीत गणेश वंदना वक्रतुंड महाकाय से नृत्य आरंभ कर पारंपरिक कथक के साथ राधा-कृष्ण के रास पर आधारित नृत्य पेश कर खूब तालिया बटोरी । सुल्तानपुर से आए उत्तर प्रदेश पुलिस में उप निरीक्षक राजेश तिवारी रत्न ने काशी आनंद की महिमा का बखान करते हुए एक से बढ़कर एक गीत सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया। 'काशी तोहार गुन उ जाने जे करे गुजारा काशी में..', शिव महिमा का बखान करते हुए 'सावन में काशी आना होगा, ध्यान से शिव को मनाना होगा..' गाते हुए मां गंगा को समर्पित गीत 'पतित पावनी पापनाशिनी बाड़ीं गंगा मां..' गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। स्वतंत्र ढोल वादन करते वीरेंद्र वीर ने पंजाब के संगीत की खुशबू बिखेरते हुए भागड़ा बजाकर माहौल को मस्ती से सराबोर कर दिया। बनारस के प्रचिलित वाद्य यंत्र नगाड़ा बजाकर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। वीरेंद्र ने काफी देर तक श्रोताओं को बांधे रखा। नृत्यांगना रमा सिंह ने संगीतबद्ध धुन पर भारतनाट्यम की सुंदर प्रस्तुति के साथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ गीत पर भी नृत्य पेश किया। सुमधुर गीत की प्रस्तुति करते हुए उर्वशी श्रीवास्तव ने 'एक राधा एक मीरा..' सुनाकर वाहवाही बटोरीं। भगवान राम की महिमा का बखान करते हुए 'अद्भुत है महिमा दो अक्षर के नाम की' सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। मधुसुदन माही ने 'बोले पिंजड़े का तोता राम-राम-राम रे तू क्यू बनता नादान रे..' गाकर लोगों का मन मोह लिया। इसके अलावा 'हमरा के मत मारा जनी कोखिया में..' गाकर बेटी बचाओ का संदेश दिया। तबले पर दीपक सिंह, संतोष बनारसी, ढोलक पर चंदन राय व विशाल शर्मा, पैड पर धर्मेंद्र, विवेक तथा बांसुरी पर शुभम ने कुशल संगत की। महफूज़ खान ने स्वच्छता पर आधारित काव्यपाठ किया। अंत में कलाकारों को प्रशसा पत्र दिया गया। साथ ही पालीथीन का प्रयोग न करने कलाकारों ने अपील की। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन गीतकार कन्हैया दुबे केडी ने किया। आयोजन में माडवी सिंह, अमलेश शुक्ल अमन, विकास जायसवाल, विश्वनाथ जायसवाल, आनंद बारी, रोशन सिंह ने सहयोग किया।