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काशी आनंद : गंगा तट पर निखरी आंध्र प्रदेश की झलक

वाराणसी में धर्म व संस्कृति की राजधानी काशी संपूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व करती है, यह सर्वविदित है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 12:57 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 12:57 PM (IST)
काशी आनंद : गंगा तट पर निखरी आंध्र प्रदेश की झलक
काशी आनंद : गंगा तट पर निखरी आंध्र प्रदेश की झलक

वाराणसी : धर्म व संस्कृति की राजधानी काशी संपूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व करती है, यह सर्वविदित है। दैनिक जागरण ने अब काशी में संपूर्ण भारत की संस्कृति को उतारने व संजोने का बीड़ा उठाया है। भारत आनंद-काशी आनंद के माध्यम से हर प्रांतों की लोक संस्कृति से स्थानीय लोगों के साथ ही देश-विदेश से आए पर्यटकों को परिचित करा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को आंध्र प्रदेश की लोक संस्कृति की झलक देख लोग आनंदित हुए। तेलुगु भाषा में गायन व भरतनाट्यम की प्रस्तुति देख लोग आनंदित हुए।

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डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित सुरमयी संध्या का आगाज वेद पाठ से हुआ। श्रीकाशी तेलुगु समिति की ओर से वैदिक विद्वान बुद्ध शर्मा ने यजुर्वेद संहिता का पाठ कर कार्यक्रम का आरंभ किया। इसके पश्चात तेलुगु समाज की वरिष्ठ महिलाओं के समूह ने तेलुगु भाषा में भजनों की प्रस्तुति कर सभी को मंत्रमुग्ध किया। वी उमा, श्रीमती मानी, डीके लक्ष्मी, श्रीनिवास व रुक्मिणी ने समूह गायन के तहत महिषासुर मर्दिनी व भगवान शिव की आराधना पर आधारित बिल्वार्चन स्तुति को भजन के रूप में प्रस्तुत कर जाह्नवी तट पर आंध्र प्रदेश की ध्वज पताका फहराई। इसी कड़ी में कुमारी डी श्रावन्या ने भजनों की प्रस्तुति की। इन्होंने 'जय-जय हे भगवती सुर भारती, तव चरणं मं प्रणम:' की प्रस्तुति कर श्रोताओं की वाहवाही बटोरी।

सुरमयी संध्या की अंतिम प्रस्तुति में कलाकार ने भरतनाट्यम की शानदार प्रस्तुति की। पद्मविभूषण श्रीमती कनक रेले द्वारा स्थापित नालंदा नृत्य कला महाविद्यालय में स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी व युवा कलाकार सौरभ त्रिपाठी ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति के दौरान नृत्य की हर विधा को पेश कर दर्शकों का दिल जीता। इस दौरान इन्होंने अलारिपु से नृत्य का आरंभ किया और इसमें भरतनाट्यम की आरंभिक विधा को बखूबी पेश किया। इसके पश्चात कल्याणी जतिस्वरम व कीर्तनम की प्रस्तुति की। कीर्तनम के अंतर्गत मां शारदे की स्तुति पर भरतनाट्यम की प्रस्तुति की। राग भैरवी में तिल्लाना की प्रस्तुति कर कार्यक्रम को विराम दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गंगा सेवा निधि के सचिव हनुमान यादव ने सभी अतिथि कलाकारों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका सम्मान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक ही मंच पर पूरे भारत की संस्कृति के साथ ही गीत, संगीत व नृत्य देखने का मौका देशी-विदेशी पर्यटकों को मिल रहा है, जिसका सभी लुत्फ भी उठा रहे हैं। इसका श्रेय दैनिक जागरण को जाता है। उन्होंने गंगा को स्वच्छ रखने की भी अपील की। इस मौके पर काशी तेलुगु समिति के के सचिव वीवी सुंदर शास्त्री, तुलसी गजानन जोशी, अभिषेक राव, डी वेणु गोपाल व डा. विश्वनाथ आदि मौजूद रहे। संचालन राजेश त्रिपाठी ने व धन्यवाद प्रकाश रवींद्र प्रकाश त्रिपाठी ने किया। बिजली के चलते एक घंटे विलंब से शुरू हुआ काशी आनंद

विद्युत व्यवाधान के चलते मंगलवार को काशी आनंद का कार्यक्रम लगभग एक घंटे विलंब से शुरू हुआ। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक कई घंटे तक बिजली कटौती हुई। इस दौरान विद्युत विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों से विद्युत आपूर्ति के बावत बातचीत की गई लेकिन लगभग 6.30 बजे आपूर्ति बहाल होने पर नियत समय से लगभग एक घंटे विलंब से काशी आनंद का कार्यक्रम शुरू हुआ। काशी आंनद में आज बंगाल की प्रस्तुति होगी

डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर शाम साढे़ पांच बजे से विविध आयोजनों के साथ बंगाल की झलक देखने को मिलेगी। कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा शखध्वनि, ऐश्वर्या राय व ईशानी भट्टाचार्य का नृत्य, दिवेंदु भट्टाचार्य, पूजा बसाक, देवव्रत दासगुप्ता व असीम दासगुप्ता का गायन होगा। दुर्गापूजा पर आधारित समूह नृत्य और क्लासिक बैंड की प्रस्तुति होगी।


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