Move to Jagran APP

कार्तिक मास आज से तीर्थराज हो जाएगी महर्षि भृगु की पावन धरती, भृगुआश्रम से शुरू होगी पंचकोसी परिक्रमा

कार्तिक मास में भृगु-दर्दर क्षेत्र बलिया तीर्थराज हो जाता है। काशी से भी एक जौ ऊंचा आध्यात्मिक महात्म्य हो जाता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:26 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 08:50 AM (IST)
कार्तिक मास आज से तीर्थराज हो जाएगी महर्षि भृगु की पावन धरती, भृगुआश्रम से शुरू होगी पंचकोसी परिक्रमा
कार्तिक मास आज से तीर्थराज हो जाएगी महर्षि भृगु की पावन धरती, भृगुआश्रम से शुरू होगी पंचकोसी परिक्रमा

बलिया, जेएनएन। कार्तिक मास कल्पवास के साथ ददरी मेले का काउंट डाउन शुरू हो गया है। काशी के कैथी मारकण्डेय महादेव से लेकर चिरान्द दिघवारा, छपरा बिहार तक फैली भृगुक्षेत्र के गंगा तट पर तीर्थों संग संतों ने लगाए कल्पवास के खालसे, नेमियों के साथ-साथ दामोदर मास का पुण्य फल पाने के लिए आस्थावानों ने गंगा नहाना शुरु किया।

loksabha election banner

कार्तिक मास में भृगु-दर्दर क्षेत्र बलिया तीर्थराज हो जाता है। काशी से भी एक जौ ऊंचा आध्यात्मिक महात्म्य हो जाता है। इस क्षेत्र का कार्तिक मास में इस भू भाग के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए साहित्यकार शिवकुमार  कौशिकेय ने कहा कि पद्मपुराण दर्दरक्षेत्र महात्म्य खण्ड के अनुसार कार्तिके समनुप्राप्ते तुला संस्थे दिवाकरे. मुनय: सिद्ध गन्धर्वा: सा विद्याधर चारणा:. ऋषय: पितरो देवा: सस्त्रीकाश्च महान्वया. तीर्थराजादि तीर्थानि सरांसि च नदी नदा:. पम्पा वाराणसी माया कॉच्ची कान्ति कलावती. अयोध्या मथुरा अवंतीपुरी द्वारावती तथा. एताच्श्रन्याषु शतत: स्वैन: क्षपणकाम्यया. दर्दर समनुप्राप्य सर्वतिष्ठन्ति कार्तिके।

कार्तिक मास में जब सूर्य तुला राशि में होते है, तो सृष्टि के सारे ऋषि, मुनि, सिद्ध, गंधर्व,पितर, विद्याधर, विद्वान सभी तीर्थराज प्रयाग सहित सभी तीर्थ उनकी पवित्र नदियां, सरोवर, हरिद्वार, काशी, कांचीपुरम, पम्पा, अयोध्या, मथुरा, अवंतिकापुर आदि सभी मोक्ष प्रदान करने वाले पुण्यदाता तीर्थ यहां पूर्णिमा पर्यन्त निवास करके अपने पाप प्रक्षालित करते हैं.

भृगु-दर्दर क्षेत्र में कार्तिक मास का कल्पवास शरद पूर्णिमा के दिन से प्रारंभ हो जाता है. कार्तिक कृष्ण एकम से संतों के खालसे गंगा तट पर सजने लगते हैं. इसका शुभारम्भ सिद्ध संत स्वामी रामबालक दास के गंगा तट पर शरद पूर्णिमा को कल्पवास का ध्वजारोहण हो गया है। इस दिन से सम्पूर्ण भृगुक्षेत्र में गंगा तट पर विभिन्न मत पंथों के संत महात्मा अपने-अपने खालसे डालकर कल्पवास करते हैं। इसका विश्राम कार्तिक पूर्णिमा स्नान के साथ होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.