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प्रवासी भारतीय दिवस : माटी के 'मान' के लिए न्‍यूजीलैंड में सांसद बन संभाली 'कमान'

दैनिक जागरण ने जब कंवलजीत सिंह बख्शी से संपर्क किया तब उन्होंने भारत से अपने जुड़ाव को न सिर्फ हृदयतल से स्वीकारा बल्कि आयोजन के प्रति आभार जताना भी नहीं भूले।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 10:19 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 08:35 AM (IST)
प्रवासी भारतीय दिवस : माटी के 'मान' के लिए न्‍यूजीलैंड में सांसद बन संभाली 'कमान'
प्रवासी भारतीय दिवस : माटी के 'मान' के लिए न्‍यूजीलैंड में सांसद बन संभाली 'कमान'

वाराणसी [मुहम्मद रईस] । प्रवासी भारतीय सम्मेलन 2019 में शामिल होने आ रहे कुछ युवा चेहरे ऐसे हैं जो वैश्विक होकर भी अपनी जड़ों से मजबूती के साथ जुड़े हैं। इन्हीं में से एक नाम है कंवलजीत सिंह बख्शी का। सहज व सरल हृदय के न्यूजीलैंड के युवा सांसद और प्रवासी भारतीय कंवलजीत आयोजन के पहले दिन बतौर वक्ता काशी की धरती पर युवाओं से मुखातिब होंगे। 

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दैनिक जागरण ने जब कंवलजीत सिंह बख्शी से संपर्क किया तब उन्होंने भारत से अपने जुड़ाव को न सिर्फ हृदयतल से स्वीकारा बल्कि आयोजन के प्रति आभार जताना भी नहीं भूले। उन्होंने कहा कि, 'पुरातन शहर वाराणसी में आयोजित होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए मैं काफी उत्साहित हूं। कहा कि यह अवसर विश्व भर में मौजूद भारतीय प्रवासियों के साथ मिलने और चर्चा करने का है। उनके साथ काशी में यह मंथन करना है कि हम भारत के विकास में अपना योगदान कैसे दे सकते हैं। आपसी विचारों का आदान-प्रदान इस दिशा में अत्यधिक कारगर साबित हो सकता है। ऐसा अवसर प्रदान करने के लिए भारत और पीएम नरेंद्र मोदी को भी आभार।'

भारत संग जन्म का रिश्ता - कंवलजीत सिंह बख्शी का जन्म देश की राजधानी नई दिल्ली में हुआ था, उन्होंने 1985 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ कॉमर्स की डिग्री हासिल की। इससे पूर्व गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल से उन्होंने हाईस्कूल किया था। उन्होंने जल्द ही अपने पारिवारिक व्यवसाय में शामिल होकर अपना करियर शुरू किया और एक सफल प्रबंधक होने के लिए अथक परिश्रम किया। भारत संग न्यूजीलैंड में भी तकरीबन तीन दशक के समृद्ध अनुभव के साथ उन्होंने फैशन और व्यापार उद्योग जैसे विविध क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की। कंवलजीत सिंह बख्शी ने इरविंदर कौर से वर्ष 1989 में शादी की और वर्ष 2001 में न्यूजीलैंड चले गए, जहां उन्होंने और उनकी पत्नी ने व्यवसाय को आगे बढ़ाया। फिलहाल वे न्यूजीलैंड स्थित मनुकाऊ पूर्व से सांसद हैं। उन्हें न्यूजीलैंड की संसद के पहले भारतीय सिख सदस्य होने का भी गौरव प्राप्त है। उनका व्यापार व कानून-व्यवस्था में गहरी रुचि है। देश में सकारात्मक अंतरजातीय संबंधों को विकसित करने में अमूल्य योगदान की वजह से वह न्यूजीलैंड के चर्चित व्यक्ति के तौर पर भी पहचाने जाते हैं।

उद्घाटन समारोह में होंगे शामिल - भारतवंशीय कंवलजीत सिंह बख्शी प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन के पहले दिन के वक्ता हैं। युवा प्रवासियों के आह्वान के साथ वह भारत को और भी बेहतर बनाने में प्रवासियों के योगदान पर अपने विचारों से भारतवंशियों को अवगत कराएंगे। आयोजन के प्रथम सत्र में सुबह 9.30 बजे कंवलजीत सिंह बख्शी (संसद सदस्य-न्यूजीलैंड), विशिष्ट अतिथि हिमांशु गुलाटी (संसद सदस्य-नॉर्वे) संग मंच साझा करेंगे। इस दौरान वह प्रवासी भारतीयों संग संवाद करने के साथ भारत के विकास के लिए भारतवंशियों को मंत्र भी देंगे। उद्घाटन के बाद दूसरे सत्र के दौरान भारतवंशियों में युवा सदस्यों के साथ संवाद का सत्र भी प्रस्तावित है, यह सत्र दोपहर एक बजे तक चलेगा।

वर्तमान संसदीय जिम्मेदारियां- कंवलजीत सिंह बख्शी फिलहाल न्यूजीलैंड में आंतरिक मामलों के प्रवक्ता, न्याय के लिए एसोसिएट प्रवक्ता, सरकारी प्रशासन चयन समिति के सदस्य के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त संसदीय मैत्री समूह संसद के सदस्यों के अनौपचारिक समूह के तौर पर संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भी सक्रिय रहते हैं। वे भारत, पाकिस्तान, चीन, कोरिया, इजरायल, पोलैंड, इंडोनेशिया और श्रीलंका संग संबंधों को मजबूत करने वाली न्यूजीलैंड सांसदों की टीम के भी सक्रिय सदस्य हैं। 

निभा रहे सामुदायिक जिम्मेदारियां - मनुकाऊ पूर्वी में स्थित ऑकलैंड सिख सोसायटी के सदस्य और पूर्व सचिव कंवलजीत सिख नौजवान सभा के संस्थापक सदस्य हैं। यह संगठन किशोर बच्चों की सहायता करने के लिए उनकी पूरी क्षमता विकसित करने की दिशा में काम करती है। वहीं ऑकलैंड इंडियन एसोसिएशन के सदस्य के तौर पर भी वह अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त भारतीयों के सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों व पर्वों में भी उनकी सक्रिय सहभागिता रहती है।

पुरस्कार और सम्मान - वर्ष 2015 में उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी से प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान, वर्ष 2014 में भारत सरकार के आमंत्रण पर प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली में युवा विकास पर अध्यक्षता करने के साथ वर्ष 2014 में ही पंजाब के निमंत्रण पर पंजाबी प्रवासी सम्मेलन-2014 में प्रतिभाग किया। इससे पूर्व वर्ष 2013 में साझा अनुभव पर आयोजित और संचालित सत्र में भारत सरकार के अतिथि के रूप में सिडनी में प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में प्रतिभाग किया। इसी वर्ष उन्हें 'विश्व पंजाबी संगठन सम्मान' व 'प्रथम कीवी इंडियन हॉल ऑफ फेम पुरस्कार' मिल चुका है।


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