Kaifi Azmi Birth Anniversary : जब कई मुशायरा पढ़ने के लिए तैयार हो गए कैफी साहब
Kaifi Azmi Birth Anniversary मशहूर शायर व फिल्म गीतकार कैफी आजमी कभी एक दायरे तक सीमित नहीं रहे। मऊ-आजमगढ़-शाहगंज को बड़ी रेल लाइन बनाने में कैफी आजमी की अहम भूमिका रही। बड़ी रेल लाइन के लिए आंदोलन के दौरान तत्कालीन रेलमंत्री सीके जाफर शरीफ भी उनके मुरीद हो गए थे।
आजमगढ़ [अनिल मिश्र]। मशहूर शायर व फिल्म गीतकार कैफी आजमी कभी एक दायरे तक सीमित नहीं रहे। मऊ-आजमगढ़-शाहगंज को बड़ी रेल लाइन बनाने में कैफी आजमी की अहम भूमिका रही। बड़ी रेल लाइन के लिए आंदोलन के दौरान तत्कालीन रेलमंत्री सीके जाफर शरीफ भी उनके मुरीद हो गए थे। 1992-93 में दिल्ली स्थित सीपीआइ के अजय भवन में मौजूद कैफी आजमी ने रेलमंत्री से मुलाकात की पेशकश की तो उन्होंने कहा कि आप वहीं रहें मैं खुद आ रहा हूं।
सीके जाफर शरीफ से कैफी आजमी ने कहा कि आप हमारा एक काम कर दीजिए। मंत्री ने कहा कि एक नहीं 10 काम कर दूंगा लेकिन आप हमारे यहां बेंगलुरु में मुशायरा पढ़ दीजिए। कैफी साहब का जवाब रहा कि जितना कहिए, उतना पढ़ दूंगा लेकिन पहले बड़ी रेल लाइन, खोरासन रोड व फरिहां हाल्ट को बहाल कर दीजिए। रेलमंत्री का जवाब था, बस समझिए आपका यह काम हो गया। कैफी आजमी के साथ आंदोलन में रहे और 25 साल तक उनके सुख-दुख में हाजिर रहने वाले जिले के 78 वर्षीय शिक्षक नेता कामरेड हरिमंदिर पांडेय ने बताया कि तत्कालीन रेलमंत्री बड़ी रेल लाइन की मंजूरी के बाद जिले के जजी मैदान में शिलान्यास करने आए थे लेकिन कैफी साहब ट्रेन से मुंबई जा रहे थे। रेलमंत्री को इस बात की जानकारी हुई, तब तक वे कानपुर पहुंच गए थे। रेलमंत्री ने वहीं ट्रेन को रोकवाकर उनको उतरवाया। वहां से दूसरी स्पेशल ट्रेन से लखनऊ और वहां से कार द्वारा कैफी आजमी जजी मैदान पहुंचकर शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए।
खोरासन रोड रेलवे स्टेशन पर किया था आंदोलन का नेतृत्व
कामरेड हरिमंदिर पांडेय ने बताया कि दो फरवरी 1993 में रेल आंदोलन के दौरान रेल रोको का आह्वान किया गया था। इसमें कैफी आजमी साहब ह्वील चेयर पर खोरासन रोड रेलवे स्टेशन और वे खुद फरिहां रेलवे स्टेशन पर नेतृत्व कर रहे थे। इस दौरान लाठीचार्ज में कई लोग जख्मी हो गए थे। उन्हें (हरिमंदिर पांडेय) भी चोट लगी थी। जिला अस्पताल में कैफी आजमी देर तक साथ में बैठे रहे।
हवाईपट्टी की स्थापना में भी कैफी की रही भूमिका
कामरेड हरिमंदिर पांडेय ने बताया कि जिले में हवाईपट्टी की स्थापना की जड़ में कैफी आजमी साहब की ही भूमिका रही है। तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के कार्यकाल में तत्कालीन उड्डयन राज्यमंत्री तसलीम्मुदीन मुबारकपुर में आए थे। रेलवे आंदोलन के दौरान कैफी आजमी ने उड्डयन राज्य मंत्री से जिले में हवाईपट्टी स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था।