'हम लोगों की जान लेकर पूरा होगा पुल' हादसे के बाद कुछ यही दहशत बयां कर रही थी कारोबारियों में
बस लगा मौत आ गई दो मिनट का आंखों के सामने अंधेरा फिर देखा तो दो लोग शटरिंग के मलवे में दबे थे।
वाराणसी, जेएनएन। बस लगा मौत आ गई, दो मिनट का आंखों के सामने अंधेरा फिर देखा तो दो लोग शटरिंग के मलवे में दबे थे। ये कहना था बीएचयू छात्र व युवा कांग्रेस नेता अमित राय का। वो इंग्लिशिया लाइन की तरफ से कैंट स्टेशन की तरफ जा रहे थे। अचानक पहले कुछ कंक्रीट गिरा एकाएक देखा तो भरभरा कर पूरा मलवा और एक लोहे का बड़ा एंगिल गिर गया। इस मलवे में एक शख्स को दबा हुआ देखा। कई लोग इस डर से करीब नहीं गए कि कहीं दोबारा कुछ और न गिर जाए।
अमित ने बताया कि जिस जगह मलवा गिरा वहां पूरी रफ्तार में यातायात गुजर रहा था। हालांकि बाद में दोनों तरफ बैरीकेडिंग लगा दी गई। अमित ने हिम्मत जुटाई और घायल की तरफ बढ़े। उन्हें देख और भी दुकानदार व आस पास के लोग घायल की ओर दौड़े। इतने में प्रभारी निरीक्षक आशुतोष ओझा ने मोर्चा संभालते हुए घायल को ऑटो रिक्शा से मंडलीय अस्पताल भेजा। इसके बाद उन्होंने आस पास की दो दवाई की दुकानों और मिठाई की दुकान को बंद कराया। इतने में पर्याप्त पुलिस बल वहां पहुंच चुका था।
- हम लोगों की जान लेकर पूरा होगा पुल : घटनास्थल के पास स्थित मिठाई की दुकान के कर्मचारी कल्लू ने बताया कि लगता है आस पास काम करने वाले लोगों की जान लेकर ही ये पुल बनेगा।
- सेतु निगम की लापरवाही बंद होनी चाहिए : मलवा गिरने की जगह के पास दुकान लगाने वाले किशन गुप्ता ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ लापरवाही के कारण घटना हुई। घटना स्थल पर वाहन चल रहे थे।
- जहां हटवाते हैं दुकान वहां नहीं करते काम : आस पास के एक ठेले वाले सूरज सोनकर ने बताया कि पुलिस हमें निर्माण के नाम पर हटा देती है। जबकि अगले दिन सेतु निगम का काम कहीं और ही होता है। ऐसे तो बनने से रहा फ्लाइओवर घटना स्थल से गुजर रहे बब्लू सोनकर ने कहा कि अगर ऐसे ही लापरवाही के साथ निर्माण हुआ तो पुल का काम पूरा होने में मुश्किल नजर आती है। उन्होंने कहा कि अगर ये लोग पुल नहीं बना पा रहे तो प्रशासन को कुछ और सोचना चाहिए।