बीएचयू में जल्दी काउंसिलिंग के लिए जूनियर रेजिडेंट का प्रदर्शन, शाम पांच बजे से कैंडिल मार्च
तृतीय वर्ष के जेआर का कार्यकाल पूरा हो गया है। प्रथम वाले द्वितीय में चले गए हैं लेकिन प्रथम वर्ष के जेआर की नियुक्ति न होने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। कारण कि जेआर प्रथम वर्ष के दाखिले के लिए अभी तक काउंसिलिंग नहीं हो पाई है।
वाराणसी, जागरण संवददाता। काउंसिलिंग जल्द कराने की मांग को लेकर चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के जूनियर रेजिडेंट (जेआर) ने शनिवार को ओपीडी सेवा व वार्ड सेवा से कार्य बहिष्कार किया। इस संबंध में शुक्रवार को संस्थान के निदेशक को एक पत्र भी सौंप दिया था। हालांकि, प्रशासन ने जेआर को सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध करने के लिए ही मनाया ताकि चिकित्सा सेवा प्रभावित नहीं हो पाए। वहीं सभी सीनियर डाक्टरों व रेजिडेंट अलर्ट जारी कर दिया गया है। जेआर ने शनिवार को चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया। वहीं शाम पांच बजे सर सुंदरलाल अस्पताल से रविदास गेट तक कैंडिल भी निकाला जा रहा है।
मालूम हो कि तृतीय वर्ष के जेआर का कार्यकाल पूरा हो गया है। वहीं प्रथम वाले द्वितीय में चले गए हैं, लेकिन प्रथम वर्ष के जेआर की नियुक्ति नहीं होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। कारण कि जेआर प्रथम वर्ष के दाखिले के लिए अभी तक काउंसिलिंग नहीं हो पाई है। हालांकि, इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में छह जनवरी को अगली सुनवाई होनी है। बावजूद इसके इतर जेआर ने हड़ताल की चेतावनी दे दी है। उनका कहना है कि यह प्रदर्शन आरडी के आह्वान पर किया जा रहा है। पत्र देकर मांग किया है कि नीट- पीजी 2021 काउंसिलिंग जल्दी कराने का प्रवेश उनका प्रवेश किया जाए।
सूत्रों के अनुसार संस्थान ने स्पष्ट कर दिया है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में अगर जेआर कार्य बहिष्कार करते हैं तो नो वर्क -नो पे लागू कर दिया गया है। इसके बाद जेआर का रूख कुछ नरम हो गया है। सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अपनी मांग को लेकर एक बैच ने ओपीडी व आइपीडी सेवा बहिष्कार करने के लिए चेतावरी जारी किया है। हालांकि, शुक्रवार को ही उन्हें समझा- बुझाकर कार्य बहिष्कार नहीं करने के लिए राजी कर लिया गया है। इसके बाद जेआर ने प्रतीकात्मक अपना विरोध जताने के लिए शाम साढ़े पांच बजे कैंडिल मार्च भी निकाला।