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हड़ताल पर जूनियर रेजिडेंट, 'स्ट्रेचर' पर व्यवस्था

जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 01:39 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 06:29 AM (IST)
हड़ताल पर जूनियर रेजिडेंट, 'स्ट्रेचर' पर व्यवस्था
हड़ताल पर जूनियर रेजिडेंट, 'स्ट्रेचर' पर व्यवस्था

वाराणसी : कोलकाता के एनआरएस अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेजिडेंट से मारपीट का देशव्यापी विरोध जारी है। इस क्रम में बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल के जूनियर रेजीडेंट्स ने कार्य बहिष्कार कर कैंडिल मार्च निकाला।

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रेजिडेंट्स की हड़ताल का हालांकि इमरजेंसी व आइसीयू सेवा पर कोई असर नहीं था। वहीं सर सुंदर लाल अस्पताल व ट्रामा सेंटर की ओपीडी, दंत चिकित्सा विज्ञान संस्थान आदि में में चिकित्सीय सेवा बुरी तरह प्रभावित रहीं। हालात ये रहे कि ओपीडी से लौटाए गए मरीज कराहते हुए थक-हार कर इमरजेंसी में पहुंच रहे थे। ओपीडी में सीनियर डाक्टरों ने किसी तरह स्थिति संभाली और मरीजों को देखा। अधिक भीड़ के चलते सुबह 10 बजे तक ही ट्रामा सेंटर की ओपीडी व 11 बजे तक एसएस अस्पताल के विभिन्न विभागों की ओपीडी में पंजीयन हुआ। इसके बाद आने वाले मरीजों-तीमारदारों को इधर-उधर भटकना पड़ा। इसमें पूर्वाचल सहित बिहार, बंगाल व मध्य प्रदेश के मरीज शामिल थे। उधर, शाम में जूनियर रेजिडेंट ने विरोध का स्वर मुखर करते हुए आइएमएस से कैंडिल मार्च निकाला। यह मार्च बीएचयू के मुख्य द्वार से होते हुए वापस संस्थान पहुंचकर समाप्त हुआ।

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कहीं और ले जाओ..

खोजवां के सुदामापुर निवासी जितेंद्र (35) को रात में तीन बजे मुंह से झाग आने पर परिजनों ने इमरजेंसी में दिखाया। डाक्टरों ने दवा देने व ड्रिप लगाने के बाद ओपीडी भेज दिया। सुबह ओपीडी में डाक्टर ने देखा लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया। बताया गया कि कहीं और ले जाओ यहां हड़ताल है। घंटों बेसुध पड़ा रहा मरीज

सासाराम के सुरेश (55) को उसके परिजन हालत खराब होने पर वहीं से ड्रिप लगवाकर लाए। मरीज का शरीर अकड़ गया था और आवाज भी नहीं आ रही थी। वह न्यूरो विभाग के बगल में घंटों से पड़ा था। परिजनों ने बताया कि यहां कोई नहीं देख रहा है। नंबर लगा है लेकिन कब आएगा कुछ पता नहीं। परिजन ही ठीक करते रहे बच्चे की ड्रिप

गाजीपुर के हरिश्चंद्र (12) की लिवर व किडनी की समस्या से हालत खराब थी। वहां के अस्पताल से उसे बीएचयू रेफर किया गया था। परिजनों ने बताया कि यहां आने पर उन्हें बताया गया कि डाक्टर हड़ताल पर हैं। आप कबीरचौरा अस्पताल लेकर जाइए। स्थिति यह थी कि परिजन खुद ही बच्चे की ड्रिप लगा रहे थे तो दूसरे ड्रिप वाली बोतल को उठाए थे। सुबह से ही लगना पड़ा लाइन में

बलिया के रामपुर महावल निवासी राजेश्वरी देवी (68) ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हैं। उन्हें दिखाने के लिए परिजन रातभर अस्पताल में ठहरे थे और सुबह से ही लाइन में लगकर 11 बजे किसी तरह डाक्टर को दिखा पाए। मरीज के पुत्र शिवकुमार उन्हें गोद में उठाकर ब्लड जांच कराने जा रहे थे। भाड़े की गाड़ी से आने वाले भी हुए परेशान

ट्रामा सेंटर की ओपीडी में जौनपुर के रामदयालगंज निवासी विवेक कुमार पाल (20) भी डाक्टर को दिखाने के लिए परेशान थे। कारण पूछने पर परिजनों ने बताया कि किराये की गाड़ी से आए हैं। गाड़ी वाले को दोपहर में ही दूसरा भाड़ा उठाना था। यहीं पर दोपहर के 1.30 बज गए लेकिन अभी तक मरीज को नहीं देखा गया। गाड़ी चालक लगातार जाने की जिद कर रहा है। नहीं किया भर्ती

नरिया के मोहम्मद सालिम (35) गैस की समस्या से पीड़ित थे लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा था। परिजनों ने बताया कि चेस्ट में भी दर्द है। इमरजेंसी में डाक्टरों ने ड्रिप लगाने के बाद दवा देकर ओपीडी में रेफर कर दिया, लेकिन वहां डाक्टर हड़ताल पर थे। कुछ यही स्थिति अन्य मरीजों की भी रही।


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