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Palghar Lynching : जूना अखाड़ा के मुख्यालय Varanasi में पालघर महाराष्ट्र में दो साधुओं की हत्या पर संतों में रोष

Palghar Lynching जूना अखाड़ा के मुख्यालय Varanasi में पालघर महाराष्ट्र में दो साधुओं की हत्या पर संतो में रोष

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 01:57 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 04:35 PM (IST)
Palghar Lynching : जूना अखाड़ा के मुख्यालय Varanasi में पालघर महाराष्ट्र में दो साधुओं की हत्या पर संतों में रोष
Palghar Lynching : जूना अखाड़ा के मुख्यालय Varanasi में पालघर महाराष्ट्र में दो साधुओं की हत्या पर संतों में रोष

वाराणसी, जेएनएन। महाराष्ट्र के पालघर में दो दिनों पूर्व भीड़ द्वारा पीटकर जान से मारे गए दोनों साधू वाराणसी में मौजूद जूना अखाड़े से सम्बंधित थे। दो साधुओं सहित उनके वाहन चालक की भीड़ ने लाठी डंडों से पुलिस के सामने ही पीटकर हत्या कर दी थी। इस प्रकरण की जानकारी रविवार को वाराणसी में मौजूद श्री पंच दशनाम अखाड़ा परिसर में होते ही संतों में रोष व्याप्त हो गया। जूना अखाड़ा के संतों ने हत्या को लेकर महाराष्ट्र सरकार से सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।

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16 अप्रैल को पंचदशनाम जूना अखाड़े के संत कल्पवृक्ष गिरी (70), सुशील गिरी (35) कार से ड्राइवर निलेश तेलगड़े के साथ अपने गुरु श्री महंत रामगिरी जी की अचानक मौत के कारण उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से गुजरात के लिए निकले थे। पालघर महाराष्ट्र के थाना कासा क्षेत्र के गढ़ चिंचले गांव के पास लाक डाउन के बावजूद पहले से मौजूद 200 लोगों ने संतों की कार को रोककर पलट दिया और उन पर जमकर पथराव किया।

इस दौरान वन विभाग के कर्मचारी ने रात 11:00 बजे थाना कासा को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने संतों और ड्राइवर सहित तीनों को जीप में बैठाया मगर इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस की मौजूदगी में तीनों को लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मार डाला। इस दौरान पुलिस पूरी तरह मूकदर्शक बनी रही। इस दौरान संतो के पास मौजूद रुपये और भगवान के सोने के श्रृंगार का सामान भी लूट लिया। इस मामले में वाराणसी में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत प्रेम गिरी ने महाराष्ट्र सरकार को एक पत्र भी लिखा है। मुख्यमंत्री महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे को लिखा यह पत्र सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है।

लॉकडाउन के बाद संत समाज करेगा आंदोलन : महाराष्ट्र में साधुओं की क्रूर हत्या के विरोध में लॉकडाउन समाप्त होते ही हिंदू भगवा दल न्याय यात्रा निकाल कर महाराष्ट्र कूच करेगा। पाताल पुरी मठ के महंत व हिंदू भगवा दल सेना के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बालक दास महाराज ने बताया कि सुमेरु पीठाधीश्वर नरेंद्रानंद गिरि महाराज के आह्वान पर यह निर्णय लिया गया है। महाराष्ट्र की घटना की निंदा करते हुए महंत बालकदास ने कहा कि भारत में यदि कहीं भी सनातन धर्म संस्कृति और संतों के साथ दुर्व्यवहार होगा तो सेना के लड़ाकू सिपाही आर-पार की लड़ाई लडऩे के लिए बाध्य होंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी वहां की सरकार की होगी। हम सनातन धर्म संस्कृति योद्धाओं को लेकर महाराष्ट्र में तब तक आंदोलन करेंगे जब तक न्याय नहीं मिल जाता है। संतों ने महाराष्ट्र सरकार से दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। कहा सख्ती का संदेश पूरे भारत में जाना चाहिए। पीएम और यूपी समेत सभी राज्यों के सीएम को जूना अखाड़ा संरक्षक हरि गिरी ने लिखा पत्र। दोषियों पर कार्रवाई की मांग। कहा लाकडाउन खुलते ही त्रयंबकेश्वर में जुटेंगे अखाड़े के संत-महंत। फिलहाल बनारस स्थित अखाड़ा मुख्यालय में सन्नाटा और आक्रोश की स्थिति है।

काशी में है अखाड़ा मुख्यालय

श्री पंच दशनाम अखाड़ा का मुख्यालय वाराणसी के बड़ा हनुमान घाट पर है। अखाड़े से संबंधित दोनों साधु (कल्पवृक्ष गिरी -75 वर्ष व सुशील गिरी -35 वर्ष) नासिक कुंभ मेला ब्रांच में थे। महाराष्ट्र उनका कार्यक्षेत्र था। अखाड़ा संरक्षक हरि गिरी के अनुसार संबंधित सभी साधु- संतों को छह साल में एक बार मुख्यालय आकर भगवान विश्वेश्वर, बाबा कालभैरव व बड़ा हनुमान के चरणों में हाजिरी लगानी होती है। आमतौर पर यह प्रयागराज कुंभ के बाद का मौका होता है। अन्य दिनों में साधु-संत  निर्धारित शाखाओं में पूजा-अनुष्ठान, साधना व अखाड़ा प्रबंधन की ओर से प्रदत्त जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं।


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