Jumping Smart Meter की हो जांच, बने कमेटी, शतरुद्र प्रकाश ने ऊर्जा मंत्री को भेजा पत्र
स्मार्ट मीटर की जांच में 30 गुना तेज स्मार्ट मीटर चलते मिले। अब सरकार को फैसला लेना है कि उपभोक्ता सही हैं या फिर स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियां। यह कहना है एमएलसी के सदस्य शतरुद्र प्रकाश का। वाराणसी के 2.70 लाख उपभोक्ताओं की परेशानियों से अवगत करा दिया है।
वाराणसी, जेएनएन। हाल ही में स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी की शिकायत के लिए बिजली विभाग की ओर से महाशिविर लगाया गया था। मीटर तेज चलने से लेकर ज्यादा बिल आने की शिकायत उपभोक्ता करते रहे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उपभोक्ताओं को सही बिल की बात कह कर लौटाते रहे। उधर, लखनऊ में स्मार्ट मीटर की जांच में 30 गुना तेज स्मार्ट मीटर चलते मिले। अब सरकार को फैसला लेना है कि उपभोक्ता सही हैं या फिरस्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियां। यह कहना है विधान परिषद के सदस्य शतरुद्र प्रकाश का।
फिलहाल ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर उनको स्मार्ट मीटर से त्रस्त वाराणसी के 2.70 लाख उपभोक्ताओं की परेशानियों से शतरुद्र प्रकाश ने अवगत करा दिया है। मांग की है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में किसी मंत्री के घर के आसपास के दस उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर की जांच नान स्मार्ट चेक मीटर से कराई जाए। इस बाबत एक कमेटी बने। उसमें उपभोक्ताओं को भी शामिल किया जाए। कमेटी जांच पूरी कर 15 दिनों के अंदर ऊर्जा मंत्रालय को रिपोर्ट दे, जो सार्वजनिक हो। गड़बड़ी मिलने पर संबधित कंपनी व इंजीनियरों पर कार्रवाई की जाए। कहा कि इस बीच बढ़े हुए बिजली बिल को पूर्व में ( स्मार्ट मीटर लगने से पहले) आए बिल के आधार पर सीमित किया जाए। लखनऊ में स्मार्ट की जांच से सब सामने आ चुका है। इसलिए बिना देर किए समस्या का समाधान किया जाए ताकि लोगों को राहत मिले।
पीवीवीएनएल के पास समाधान नहीं
विधान परिषद सदस्य ने कहाकि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के पास उपभोक्ताओं की समस्या का हल नहीं है। जनमानस में असंतोष बढ़ता जा रहा है। 2018 से एक्रो, जीनस, जेन व एलएनटी आदि कंपनियों के 2.70 लाख मीटर बनारस में लगे हैं। जो जंपिंग हैं। स्वीकृत लोड उछाल मारता है।
विधान परिषद में भी उठाई आवाज
स्मार्ट मीटर की धोखाधड़ी को लेकर विधान परिषद सदस्य ने विधान परिषद में भी आवाज उठाई थी। कई बार बिजली विभाग के आला अफसरों से लेकर शासन को पत्र लिखा है। एक बार फिर उन्होंने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर उपभोक्ताओं के हित में निर्णय लेने की मांग की है।