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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बिना सर्टिफिकेट 20 साल से गुरु जी कर रहे नौकरी

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बिना सर्टिफिकेट 20 साल से गुरु जी कर रहे नौकरी जांच के दौरान प्रकरण आया सामने।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 04:40 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 04:40 PM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बिना सर्टिफिकेट 20 साल से गुरु जी कर रहे नौकरी
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बिना सर्टिफिकेट 20 साल से गुरु जी कर रहे नौकरी

वाराणसी, जेएनएन। शासन के निर्देश पर प्राथमिक से लगायत विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अभिलेखों की जांच हो रही है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के बाद जांच टीम अब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अध्यापकों के सभी शैक्षिक अभिलेखों व नियुक्ति पत्र का परीक्षण कर रही है। इस दौरान कई ऐसे भी शिक्षक मिले जिनके पास इंटर व स्नातक का सर्टिफिकेट ही नहीं है। अंकपत्रों के आधार पर ही 20 साल से नौकरी कर रहे हैं। बहरहाल जांच समिति ने इसे गंभीरता से लिया है। समस्त शिक्षकों की हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर से लगायत पीएचडी तक की उपाधियों का संबंधित शैक्षिक संस्थाओं से सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। ऐसे में जांच लंबा चलने की संभावना जताई जा रही है।

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जांच टीम गुरुवार को विद्यापीठ स्थित पंत प्रशासानिक भवन के डा. राधाकृष्णन सभागार में पूरे दिन डटी रही। जांच के लिए शिक्षकों को क्रमवार बुलाया जा रहा है। इस दौरान जांच टीम नियुक्ति की अर्हता, मेरिट सूची का भी मिलान कर रही थी। इसके अलावा मूल शैक्षिक प्रमाणपत्रों का परीक्षण किया जा रहा था। शिक्षकों से पासपोर्ट साइज की फोटो, शैक्षिक योग्यता की छायाप्रति सहित अन्य पत्रावली जमा कराई गई। जांच समिति में एसीएम (द्वितीय) जय प्रकाश, विवि के वित्त अधिकारी राधेश्याम, पं दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय (पलहीपट्टी) के वरिष्ठ प्रवक्ता अनंतव्रत पांडेय व सुधीर कुमार मानस शामिल हैं। संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षकों की जांच भी इसी टीम ने किया। यही टीम जनपद के राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों के अभिलेखों की भी जांच करेगी।

वहीं अनुदानित महाविद्यालयों के अध्यापकों की जांच के लिए राजकीय महाविद्यालय (पलहीपट्टी) की प्राचार्य डा. अनिता मिट्टू की अध्यक्षता में उप समिति में एसडीएम (पिंडरा) मनिकंडन ए., राजकीय महाविद्यालय (जक्खिनी) के प्रवक्ता उमाशंकर गुप्ता व नायब तहसीलदार साक्षी राय बतौर सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा अध्यापकों के अभिलेखों की जांच के लिए एडीएम (सिटी) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक मुख्य समिति गठित की गई है। इसमें पुलिस अधीक्षक (क्राइम) सदस्य बनाए गए हैं। वहीं क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी इस समिति के सदस्य सचिव बनाए गए हैं। 


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