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संतति की मंगलकामना से महिलाओं ने किया जिउतिया व्रत, कल सुबह किया जाएगा व्रत का पारन

सनातन धर्म में महिलाएं पुत्र के आरोग्य व दीर्घायु कामना से आश्विन कृष्ण अष्टमी को जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत रखती हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 01:08 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 01:08 PM (IST)
संतति की मंगलकामना से महिलाओं ने किया जिउतिया व्रत, कल सुबह किया जाएगा व्रत का पारन
संतति की मंगलकामना से महिलाओं ने किया जिउतिया व्रत, कल सुबह किया जाएगा व्रत का पारन

वाराणसी, जेएनएन। सनातन धर्म में महिलाएं पुत्र के आरोग्य व दीर्घायु  कामना से आश्विन कृष्ण अष्टमी को जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत रखती हैं। इस बार यह तिथि 22 सितंबर रविवार को पड़ी है। इस व्रत का पारन 23 सितंबर की सुबह किया जाएगा। 

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ख्यात ज्‍योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार अष्टमी तिथि 21 सितंबर को दिन में 3.34 बजे लग गई जो 22 को दोपहर 2.40 बजे तक रहेगी। आश्विन कृष्ण अष्टमी को जिउतिया व्रती महिलाएं प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर संकल्प पूर्वक व्रत रखती हैैं। शाम को भगवान जिउतवाहन की कथा श्रवण कर पंचोपचार का षोडशोपचार विधि से पूजन किया जाता है।

एक दिन पूर्व से ही बाजार में फल- फूल और गन्‍ने की बिक्री शुरू हो गई थी। वहीं सुबह से ही विभिन्‍न नदियों के किनारे महिलाअों ने स्‍नान ध्‍यान और संतति के दीर्घायु की कामना से व्रत शुरू किया। वहीं रविवार को विभिन्‍न्‍ गन्‍ने की सड़क के किनारे दुकानें भी सजीं। मान्‍यता है कि उत्‍तर भारत में गन्‍ना का सीजन भी इसी के साथ ही शुरू हो जाता है।   


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