अब पासपोर्ट वेरिफिकेशन में भी जियो टैगिंग, सत्यापन को आवेदक के घर जाएगी पुलिस
पासपोर्ट बनवाने के लिए पुलिस महकमे की दौड़ व साहब को खुश करने के झंझट से अब मुक्ति मिल जाएगी। पासपोर्ट बनाने के दौरान पुलिस सत्यापन की अनिवार्यता होती है।
वाराणसी, [कृष्ण बहादुर रावत]। पासपोर्ट बनवाने के लिए पुलिस महकमे की दौड़ व साहब को खुश करने के झंझट से अब मुक्ति मिल जाएगी। पासपोर्ट बनाने के दौरान पुलिस सत्यापन की अनिवार्यता होती है। आवेदक को पुलिस वाले थाने और एलआइयू वाले कार्यालय फोन कर बुलाते हैं, लेकिन जियो टैगिंग के कारण अब यह व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। अब सत्यापन और जियो टैगिंग के लिए उन्हें आवेदक के घर तक जाना ही होगा।
पुलिस व एलआइयू को स्मार्ट फोन
पासपोर्ट सेल का कार्य देखने वाले पुलिस विभाग व एलआइयू के लोगों को स्मार्ट फोन से लैस किया जाएगा। ये लोग आवेदक के घर जाएंगे और मौके से ही आवेदक के साथ उसके निवास स्थान की फोटो लेंगे। फिर उसे स्कैन कर पासपोर्ट कार्यालय भेजेंगे। इससे पासपोर्ट बनने में लगने वाला दो-तीन का समय बचेगा।
दो दिन में मिलती साक्षात्कार तिथि
सहायक पासपोर्ट अधिकारी देवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि हमारी कोशिश है कि कम समय में आवेदक को पासपोर्ट मिल जाए। अगर सभी कालम सही से भरा है तो दो दिन के अंदर साक्षात्कार की तिथि मिल जाती है। विभाग तत्काल पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों को और सुविधा देने जा रही है। उनके पास आधार, बिजली बिल व फोटो लगी बैंक पासबुक है तो अन्य कागजात की जरूरत नहीं होगी।
दलाल के माध्यम से न करें आवेदन
पासपोर्ट सेवा केंद्र में रोज नए पासपोर्ट के करीब नौ सौ आवेदनों का निबटारा किया जाता है। इसे और बढ़ाने का प्रयास हो रहा। पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदक को खुद फार्म भरना चाहिए या पासपोर्ट सेवा केंद्र में मदद लेनी चाहिए। दलाल के माध्यम से कभी भी आवेदन न करें।
आवेदन शुल्क
15 वर्ष से कम
सामान्य - 1000
तत्काल - 3000
15 से 18 वर्ष
सामान्य- 1000
तत्काल- 3000
18 वर्ष से ऊपर
सामान्य- 1500
तत्काल- 4000- 60 पेज
- 3500- 36 पेज