Kashi Vishwanath Temple : बाबा दरबार के महंत आवास मेंं झूूलनोत्सव के दौरान बाबा को अर्पित की गयी शिवाजंली
टेढीनीम महंत आवास से पंचबदन प्रतिमा एंव झूला सोमवार (श्रावण पूर्णिमा) के दिन विश्वनाथ मंदिर मे ले जाकर झूूलनोत्सव श्रृंगार किया जाएगा। प्र
वाराणसी, जेएनएन। टेढीनीम महंत आवास से पंचबदन प्रतिमा एंव झूला सोमवार (श्रावण पूर्णिमा) के दिन विश्वनाथ मंदिर मे ले जाकर झूूलनोत्सव श्रृंगार किया जाएगा। प्रतिमा और झूला शाम पांंच बजे टेढीनीम महंत आवास से विश्वनाथ मंदिर अन्नक्षेत्र, विश्वनाथ गली, साक्षी विनायक, ढुंंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुये मंदिर के मुख्य द्वार से मंदिर के गर्भ गृह में ले जाकर झूूलनोत्सव किया जायगा।
श्रावण मास पूर्णिमा (सोमवार) को सप्तॠषि आरती के बाद बाबा विश्वनाथ का सपरिवार झूूलनोत्सव श्रृंगार होगा, प्राचीन परंपरा के अनुसार मंदिर के गर्भ गृह में महंत परिवार द्वारा हरियाली श्रृंगार कर झूूलनोत्सव किया जाएगा। बाबा विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा जिसमें गोद में माता पार्वती व पुत्र गणेश के साथ झूूला पर बिठा कर विशेष आरती की जाएगी और काशी-वासी झूला झुलायेंंगे।
परंपरानुसार झूूलनोत्सव के लिए शनिवार को टेढीनीम पर महंत आवास पर झूूला पूजन के बाद रविवार को प्रतिमा का विशेष षोडशोपचार पूूजन के बाद 'शिवाजंली' की ओर से डॉ. अमलेश शुक्ल व स्नेहा अवस्थी ने बाबा को कजरी व झूूलनोत्सव के लोकगीत अर्पित किया, शिवाजंली का संचालन कन्हैया दुबे केडी ने किया।
महंत डॉ.कुलपति तिवारी ने बताया प्राचीन परंपरा के अनुसार तीन दिवसीय झूूलनोत्सव के दौरान प्रथम दिन शनिप्रदोष पर बाबा विश्वनाथ के पंचबदन की चल प्रतिमा और झूला का विधि विधान से पूूजन बाद दूूसरे दिन रविवार को बाबा को कजरी प्रस्तुत की गई और तीसरे दिन सोमवार को बाबा विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा जिसमें गोद में माता पार्वती व पुत्र गणेश के साथ ले जाकर गर्भ गृह मेंं झूूला पर बिठा कर विशेष आरती की जायगी और काशी-वासी झूला झुलायेंंगे। शिवाजंली मे प्रमुख रूप से शिवाचार्य महंत पं.ज्योतिशंकर त्रिपाठी, सप्तर्षि आरती प्रधान महंत पं.शशि भूषण त्रिपाठी, पं.राजेंद्र तिवारी, पं.उदय शंकर त्रिपाठी, पं.रॉजन भूषण त्रिपाठी, पं.मणिशंकर त्रिपाठी, पं.हिमांशु शंकर त्रिपाठी, पं.श्रीप्रकाश तिवारी सहित परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित रहे धन्यवाद प्रकाश संजीव रत्न मिश्र ने ज्ञापित किया।
सावन के आखिरी सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में शिव संग परिवार की झांकी
परम्परा के अनुसार श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को महादेव का का अलग-अलग रूप में श्रृंगार होता है उसी क्रम में सोमवार को बाबा दरबार मेें चल प्रतिमाओं का झूला श्रृंगार देर शाम गर्भ गृह में होगा। मान्यता के अनुसार ये सारी चल प्रतिमा महंत आवास से मंदिर ले जाई जाती है और मंदिर कपाट बंद होने के बाद महंत परिवार सभी प्रतिमाओं को आवास में पुनः विराजमान करते हैं।