पर्यटन मानचित्र पर चटख होगा शिराज-ए-हिंद जौनपुर का रंग, ब्रोशर व पुस्तिका का प्रकाशन
नई पर्यटन नीति के लक्ष्यों को हासिल करने की जुगत में ही सही शिराज-ए-ङ्क्षहद के नाम से ख्यात जौनपुर का रंग पर्यटन के नक्शे पर चटख होने जा रहा।
वाराणसी [प्रमोद यादव]। नई पर्यटन नीति के लक्ष्यों को हासिल करने की जुगत में ही सही शिराज-ए-ङ्क्षहद के नाम से ख्यात जौनपुर का रंग पर्यटन के नक्शे पर चटख होने जा रहा। विभाग की ओर से इसकी कवायद ब्रोशर व बुकलेट से शुरू की गई है। तीन फोल्ड के ब्रोशर में जौनपुर को दर्शाया गया है, जबकि कवर समेत 12 पृष्ठ की बुकलेट में 11 स्थलों को दिखाया गया है। इसमें कई पहले से सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं तो नए प्राचीन पुरातात्विक स्थलों की ओर भी विशेषता बताते हुए ध्यान दिलाया गया है। 'जौनपुर: द लैंड आफ शर्की आर्किटेक्चर' के नाम से पुस्तिका के कवर पेज पर शाही पुल है। इसके पिछले हिस्से में जिले के भूगोल-इतिहास से परिचित कराया गया है। पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव के अनुसार इन्हें विभाग की वेबसाइट पर भी प्रमुखता से स्थान दिया जाएगा।
नई पर्यटन नीति में सालाना घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में क्रमश: 15 व 10 फीसद वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। इसके जरिए प्रदेश स्तर पर प्रतिवर्ष पांच हजार करोड़ रुपये निवेश आकर्षित करना है। हर वर्ष पांच लाख लोगों को रोजगार दिया जाना है। इस लिहाज से क्षेत्रवार लक्ष्य दिए गए हैं। इसकी पूर्ति के लिए प्राथमिकता से दूर रहे पर्यटन स्थलों की ओर सैलानियों को आकर्षित किया जाना है। हालांकि पर्यटन विभाग की प्राथमिकता में बनारस सदा से रहा ही है, इससे सटे चंदौली व मीरजापुर भी अपनी प्राकृतिक विशिष्टता के कारण आकर्षण का केंद्र रहे। ऐसे में पुरातात्विक व ऐतिहासिक रूप से समृद्ध जौनपुर को आगे करने का निर्णय लिया गया।
केंद्र में प्रमुख स्थल : त्रिलोचन महादेव, रामेश्वर मंदिर, माता शीतला चौकिया, शाही पुल, शाही किला, तुर्किश हम्माम, लाल दरवाजा मस्जिद, अटाला मस्जिद, जामा मस्जिद, टीडी कालेज।