नगर निगम की शुरुआत : लीजिए जापानी तकनीक, शौचालय के पानी से बागवानी
सामुदायिक शौचालय के गंदे पानी को ट्रीट कर बागवानी के उपयोग में लाया जाएगा। खास यह कि इसमें किसी प्रकार की मशीन नहीं लगेगी और न ही बिजली का खर्च ही गिरेगा।
वाराणसी, [विनोद पांडेय ] । लीजिए, जापानी तकनीक जिससे शौचालय के पानी से बागवानी करें। इस नई पहल को नगर निगम ने अपनाया है। लहरतारा स्थित प्राथमिक स्कूल के समीप इस प्लांट को लगाकर नई शुरुआत की है। वहां स्थापित सामुदायिक शौचालय के गंदे पानी को ट्रीट कर बागवानी के उपयोग में लाया जाएगा। खास यह कि इसमें किसी प्रकार की मशीन नहीं लगेगी और न ही बिजली का खर्च ही गिरेगा।
नगर निगम, वाराणसी द्वारा जापानी संस्था टाई-सेई-टोकिजो के सहयोग से लहरतारा प्राथमिक स्कूल के पास बने सामुदायिक शौचालय से निकलने वाले वेस्ट को शोधन किया जाएगा। सोमवार को अपर नगर आयुक्त अजय कुमार सिंह व संस्था के प्रतिनिधि की उपस्थिति में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लहरतारा प्राथमिक स्कूल के पास निर्मित इस सामुदायिक शौचालय का शुभारंभ किया गया। इसके अंतर्गत आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए सामुदायिक शौचालय से प्रतिदिन निकलने वाले सीवर जल को शोधन कर सिंचाई के उपयोग में लाया जाएगा। इस तकनीक की क्षमता 4000 लीटर प्रतिदिन की है। इस पर रख रखाव के लिए कोई व्यय खर्च नहीं करना होगा। इसके संचालन के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस तकनीक की सबसे बड़ी खूबी यह है कि सामुदायिक शौचालय के आसपास क्षेत्र में पेड़ पौधों की जड़ों को पानी से सिंचाई की जा सकती है। सिवरेज की ग्रेवेटी के माध्यम से भूमिगत ट्रीटमेंट चेंबर में लाया जाएगा। इसमें लिफ्टिंग के लिए किसी भी प्रकार के पंप इत्यादि की आवश्यकता नहीं है। अपर नगर आयुक्त अजय कुमार सिंह ने बताया कि यदि यह तकनीक सफल रही तो नगर में बने अन्य सामुदायिक शौचालय में भी इसका प्रयोग किया जाएगा। सामुदायिक शौचालय के बगल में तीन टंकियां बनी हैं। ऐसी तकनीक विकसित की गई है जिसके माध्यम से मिट्टी द्वारा मलजल को ट्रीट किया जा सकेगा।
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