इजराइल-अमेरिकी तकनीक से होगा कचरा प्रबंधन, नए साल में बीएचयू को कचरा निस्तारण प्लांट की सौगात
बीएचयू ही नहीं बल्कि शहर को भी कचरा प्रबंधन की दिशा में राहत मिलने वाली है। वहीं बिजली व सीएनजी उत्पादन कर ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा।
वाराणसी [मुहम्मद रईस]। बीएचयू ही नहीं बल्कि शहर को भी कचरा प्रबंधन की दिशा में राहत मिलने वाली है। वहीं बिजली व सीएनजी उत्पादन कर ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा। नए वर्ष की शुरुआत में अमेरिकन कंपनी बीएचयू में कचरा निस्तारण प्लांट स्थापित करेगी।
बीएचयू, नगर निगम व कंपनी के बीच सहमति के बाद इसी वर्ष जून में एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। जरूरी कागजी कार्रवाई के बाद रास्ता साफ हो गया है। जनवरी के पहले सप्ताह से काम शुरू होगा। ज्ञात हो कि वेस्ट टू एनर्जी चैलेंजेज के साथ फिट बैक फाउंडेशन, इको वेस्ट व ग्रीन ब्रिक इको सॉल्यूशन ने मार्च के अंत में बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर के सामने प्रेजेंटेशन दिया था। अमेरिका आधारित कंपनी वेस्ट टू एनर्जी के कांसेप्ट को सराहा गया था। यह कंपनी भारत में पहला प्लांट लगाने जा रही है। बीएचयू के पीआरओ डा. राजेश सिंह ने कहा कि कचरा निस्तारण प्लांट बीएचयू के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कंपनी मॉडल के रूप में यहां काम करेगी। कार्य बेहतर होने पर शहर की जिम्मेदारी भी उन्हें दी जाएगी।
5000 वर्ग मीटर में लगेगा प्लांट
इजराइल की कंपनी एआर चैलेंजेज के सहयोग से बीएचयू प्रेस के पास 5000 वर्ग मीटर क्षेत्र में प्लांट लगाया जाएगा। इससे करीब तीन मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा जिसे बाजार कीमत के मुकाबले 30 फीसद छूट के साथ बीएचयू को दिया जाएगा। बाई-प्रोडक्ट के तौर पर निकलने वाली ठंडी हवा का प्रयोग ट्रामा सेंटर व बीएचयू अस्पताल में किया जाएगा। ट्रामा सेंटर परिसर में केंद्र स्थापित करने को कंपनी को 250 वर्ग मीटर का अतिरिक्त स्थान देना होगा।
100 टन की क्षमता
1340 एकड़ में फैले परिसर में रोज 15 से 20 टन कचरा निकलता है। बीएचयू में ही 100 टन क्षमता का सेंट्रलाइज्ड प्लांट स्थापित होगा। बेहतर परिणाम आने पर शहर का गीला कचरा यहीं निस्तारित होगा।
कचरा कलेक्शन की होगी जिम्मेदारी
प्लांट के लिए बीएचयू लीज पर 5000 वर्ग मीटर स्थान देगा। प्लांट व कचरा कलेक्शन की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। बीएचयू प्रेस के पास कूड़ा डंपिंग एरिया की जमीन चिन्हित है।
चारकोल व टाइल्स भी बनेगा
बिजली उत्पादन के साथ बाई-प्रोडक्ट से चारकोल व टाइल्स भी बनाया जाएगा। बीएचयू प्रशासन के परिसर में ही निर्माण सामग्री सस्ती दर पर उपलब्ध होंगी।