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वाराणसी में कचहरी और अर्दली बाजार में प्रदूषण फैलाने पर आइपीडीएस पर लगा 50 हजार का जुर्माना

उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड वाराणसी ने पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड के आइपीडीएस को प्रदूषण फैलाने का दोषी पाया है जिसको लेकर गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की गई है। बोर्ड ने एनजीटी के फैसले को आधार बनाते हुए कड़ी फटकार और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 08:04 AM (IST)
वाराणसी में कचहरी और अर्दली बाजार में प्रदूषण फैलाने पर आइपीडीएस पर लगा 50 हजार का जुर्माना
वाराणसी में प्रदूषण फैलाने पर आइपीडीएस पर लगा 50 हजार का जुर्माना।

वाराणसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड वाराणसी ने पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड के आइपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) को प्रदूषण फैलाने का दोषी पाया है, जिसको लेकर गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की गई है। बोर्ड ने एनजीटी के फैसले को आधार बनाते हुए कड़ी फटकार और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही अकाउंट नंबर देकर तत्काल राशि अंतरण कराने की बात कही है।  बोर्ड ने अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी करते हुए कहा कि गुरुवार को कचहरी और अर्दली बाजार में सड़क के किनारे आपके संस्थान द्वारा खोदाई की गई थी, लेकिन धूल व अन्य ठोस प्रदूषण पर नियंत्रण रखने संबंधी मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा था, जिससे क्षेत्र में प्रदूषण बहुत खराब स्तर पर पहुंच चुका है।  खोदाई वाले स्थल पर न तो पानी का छिड़काव किया गया और न ही कच्चे माल को तारपोलीन या ग्रीन नेट से ढंका नहीं गया था। बोर्ड ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का कड़ाई से पालन के लिए वाराणसी मंडल के आयुक्त ने एक नवंबर को एक बैठक भी की थी। इसमें बताया गया था कि यदि किसी कार्यदायी संस्थान या बिल्डर निर्माण कार्य के दौरान प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का पालन नहीं करते हैं, तो उन पर 50 हजार की क्षतिपूर्ति वसूली जाए। प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका ङ्क्षसह ने कहा कि बनारस की हवा बहुत खराब स्तर पर पहुंच चुकी है, जिसकी मुख्य वजह शहरी और आसपास के क्षेत्र में तेजी से चल रहे निर्माण कार्य जिम्मेदार हैं। प्रदेश भर के 16 सबसे प्रदूषित शहरों में वाराणसी भी शामिल है, वहीं बनारस में 12 हॉटस्पॉट जोन बनाये गए हैं, जहां पार्किंग बेहतर न हो वहां पर वाहनों का आवागमन बाधित रहेगा।

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दूसरे दिन प्रदेश की सबसे शुद्ध हवा रही बनारस की

बनारस का वायु प्रदूषण बुधवार को 133 से 27 पीएम बढ़कर 160 पीएम हो गया है, लेकिन दूसरे दिन फिर बनारस की हवा प्रदेश की सबसे शुद्ध हवा रही। कुछ स्तर बढऩे के बावजूद यह अभी माडरेट कटेगरी में ही है, जिससे ज्यादा ङ्क्षचता की बात नहीं है। वहीं धनतेरस पर शहर की सड़कों पर काफी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही, जिसके चलते प्रदूषण का यह आंकड़ा 160 के स्तर पर पहुंच गया। प्रदेश की स्थिति को देखा जाए तो पांच सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद 336, ग्रेटर नोएडा 328, कानपुर 309, नोएडा 309 और आगरा 305 रहा।


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