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MP-MLA की संपत्ति की हो जांच, पूर्व सपा विधायक सनातन ने भाजपा नेता पर साधा निशाना

सपा नेता और पूर्व सपा विधायक सनातन पांडेय ने दोनों नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि बलिया के सांसद व विधायक आपस में मिलीभगत कर लूट खसोट कर रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 01:18 PM (IST)
MP-MLA की संपत्ति की हो जांच, पूर्व सपा विधायक सनातन ने भाजपा नेता पर साधा निशाना
MP-MLA की संपत्ति की हो जांच, पूर्व सपा विधायक सनातन ने भाजपा नेता पर साधा निशाना

बलिया, जेएनएन। बैरिया के भाजपा विधायक और बलिया सांसद के बीच छिड़ी रार में समाजवादी नेता भी कूद पड़े हैं। सपा नेता व पूर्व सपा विधायक सनातन पांडेय ने दोनों नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि बलिया के सांसद व विधायक आपस में मिलीभगत कर लूट खसोट कर रहे हैं। जनता को भ्रमित करने के लिए एक- दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया जा रहा है ताकि आमजन का ध्यान भटकाया जा सके। कहा कि दोनों जनप्रतिनिधि गैरकानूनी कार्यों में संलिप्त हो धनार्जन करने में जुटे हैं। पूर्व विधायक ने भाजपा के दोनों नेताओं के चल व अचल सम्पति की जांच की मांग भी उठाई है।

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बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि जिले में शराब व बालू का खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है। वहीं कोटेदारों को सस्पेंशन व बहाली के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। यही नहीं प्रधानों के खिलाफ जांच व त्रिस्तरीय समिति गठित करने का खेल खेल कर दोनों नेता चुने हुए प्रतिनिधियों को तंग कर रहे हैं। आपसी द्वंद्व में सरकारी जमीन हड़पने का मामला अब जनता के सामने है। भाजपा नेताओं के अवैध धंधे को सपा हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी। सनातन ने कहा कि सांसद व विधायक के खिलाफ जय प्रकाश नारायण की धरती से विरोध का बिगुल फूंका जाएगा।

नियम विरुद्ध बनाया कार्यालय

कुंवर सिंह पीजी कालेज के पूर्व महामंत्री आशुतोष ओझा ने विकास भवन में सांसद द्वारा संसदीय कार्यालय खोलने पर विरोध जताया। कहा कि बैरिया विधायक ने सांसद व उनके परिजनों पर सरकरी जमीन हड़पने का प्रमाण देकर उनकी हकीकत खोल दी है।

गरीबी नहीं अपितु गरीबों को मिटा रही भाजपा सरकार :  रामगोविन्द चौधरी

नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि कोरोना से मुकाबले के नाम पर केन्द्र व राज्य सरकारें गरीबी को नहीं, मजदूरों, श्रमिकों, बेरोजगारों, किसानों व गरीबों को मिटा रही हैं। ये सरकारें अपने अनियोजित और मनमाने फैसलों से आम आदमी को प्रतिदिन मौत के मुंह में ढकेल रहीं हैं। देश को आर्थिक तबाही के मोड़ पर खड़ा है। ऐसी सरकार के खिलाफ 1974 के आंदोलन से भी बड़े छात्र आन्दोलन की जरूरत है। उन्होंने छात्रों व नवजवानों से आग्रह किया है कि वे पांच जून को सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए मजदूरों, श्रमिकों, बेरोजगारों, किसानों व गरीबों की रक्षा के लिए लाकडाउन नियमों का पालन करते हुए 1974 से भी बड़े आंदोलन की तैयारी करें।


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