Move to Jagran APP

वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में शत्रु संपत्ति की जांच शुरू, कब्जेदारों से मांगे जा रहे जमीन-जायदाद के कागज

शत्रु संपत्ति (पाकिस्तान जाने वालों की सपंत्ति) पर नियमों की अनेदखी कर कब्जा जमाने वालों की जांच-पड़ताल बनारस के साथ ही गाजीपुर में भी शुरू हो गई है। पूर्वांचल के अन्य जिले यथा-चंदौली भदोही गाजीपुर मीरजापुर सोनभद्र आजमगढ़ समेत अन्य जिलों में भी इसी तरह के मामले हैं।

By vikas ojhaEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Thu, 29 Sep 2022 07:35 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 07:35 PM (IST)
वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में शत्रु संपत्ति की जांच शुरू, कब्जेदारों से मांगे जा रहे जमीन-जायदाद के कागज
शत्रु संपत्ति पर नियमों की अनेदखी कर कब्जा जमाने वालों की जांच-पड़ताल बनारस व गाजीपुर में शुरू हो गई है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : शत्रु संपत्ति (पाकिस्तान जाने वालों की सपंत्ति) पर नियमों की अनेदखी कर कब्जा जमाने वालों की जांच-पड़ताल बनारस के साथ ही गाजीपुर में भी शुरू हो गई है। पूर्वांचल के अन्य जिले यथा-चंदौली, भदोही गाजीपुर, मीरजापुर, सोनभद्र, आजमगढ़ समेत अन्य जिलों में भी इसी तरह के मामले हैं।

loksabha election banner

फिलहाल, भारत की शत्रु सपंत्ति संरक्षण (सीईपीआई) की टीम ने बनारस में चिह्नित 206 प्रकरणों में से दो प्लाटों की पैमाइश कर दस्तावेज तलब किया है। सीईपीआइ के आदेश के क्रम में शत्रु संपत्ति सर्वेयर अशोक कुमार सिंह ने प्लाट नंबर 157, मौजाहाल नक्खीघाट सारनाथ व दूसरा नवापुरा थाना जैतपुरा के जे-16/ 70 व इसी का पार्ट जे-16/ 70 एस प्लाट की पैमाइश के बाद इस पर मालिकाना हक जताने वालों से दस्तावेज तलब किए गए हैं। बनारस में जांच के बाद सर्वेयर गाजीपुर में प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ शत्रु सपंत्ति की जांच कर रहे हैं।

टीम से जुड़े लोगों का कहना है कि शत्रु संपत्ति के लगभग 50 मामले हैं। सैदपुर में छह मामले गुरुवार को सामने आए। काबिज लोगों से दस्तावेज आदि की मांग की गई है। टीम का कहना है कि शत्रु संपत्ति के मामले पूर्वांचल के लगभग प्रत्येक जिले में हैं। मीरजापुर में लगभग अस्सी, सोनभद्र में 97, चंदौली में 50 व भदोही में तीस के आसपास मामले हैं। कुछ जिलों की रिपोर्टिंग होनी शेष है। शत्रु संपत्ति पूरी तरह सरकार की होती है। इस पर किसी ने ऐन केन कब्जा जमा लिया है तो जांच में बचेगा नहीं, कार्रवाई तय है।

सरकारी मशीनरी भी दोषी 

सीईपीआइ टीम का कहना था कि सरकारी रिकार्ड में बहुतायत संपत्ति शत्रु संपत्ति के नाम पर दर्ज हैं। बावजूद इस तरह की प्रापर्टी की लोगों ने रजिस्ट्री करा लिया है। नगर निगम से मकान नम्बर तक प्राप्त कर लिया है। स्कूल- कालेज, रेस्टोरेंट आदि संचालित कर रहे हैं। जबकि इन सभी कार्यों के लिए जमीन की मूल कापी देखी जाती है। सब कुछ जानने के बाद भी इस कृत को करने की छूट दे दी गई। जांच में सभी बिंदु समाहित होंगे।

शत्रु संपत्ति प्रकरण (लगभग में)

0-बनारस- 250

0-गाजीपुर- 50

0-मीरजापुर -80

0-सोनभद्र - 97

0-भदोही - 30

0-चंदौली- 50


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.