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वाराणसी में शत्रु संपत्ति की जांच में शिक्षा और नगर निगम समेत कई महकमे कटघरे में, बैनामा संग टैक्स भरने तक की रसीद

शत्रु संपत्ति (पाकिस्तान जाने वालों की सपंत्ति) की जांच जिले में शुरू हो गई है। जांच के बाद इस संपत्ति पर काबिज लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी सुनिश्चित माना जा रहा है लेकिन कई सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। इन संपत्तियों पर लोग कैसे काबिज हुए।

By vikas ojhaEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Wed, 28 Sep 2022 09:43 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 09:43 PM (IST)
वाराणसी में शत्रु संपत्ति की जांच में शिक्षा और नगर निगम समेत कई महकमे कटघरे में, बैनामा संग टैक्स भरने तक की रसीद
शत्रु संपत्ति (पाकिस्तान जाने वालों की सपंत्ति) की जांच जिले में शुरू हो गई है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : शत्रु संपत्ति (पाकिस्तान जाने वालों की सपंत्ति) की जांच जिले में शुरू हो गई है। जांच के बाद इस संपत्ति पर काबिज लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी सुनिश्चित माना जा रहा है लेकिन, कई सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। इन संपत्तियों पर लोग कैसे काबिज हुए।

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बैनामा कैसे करा लिए। नगर निगम से मकान नंबर कैसे आवंटित करा लिए गए। स्कूल कैसे संचालित हो रहे हैं। इन तमाम महकमों के जिम्मेदारों की ओर से क्यों नहीं उसी दौरान रोका गया। हालांकि जांच में जुड़े अधिकारी इस पर कुछ खास बोलने को तैयार नहीं लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि जांच में सभी दोषी कटघरे में होंगे।

भारत की शत्रु सपंत्ति संरक्षण (सीईपीआई) के आदेश के क्रम में प्लाट नंबर 157, मौजाहाल नक्खीघाट सारनाथ व दूसरा नवापुरा थाना जैतपुरा के जे-16/ 70 व इसी का पार्ट जे-16/ 70 एस प्लाट की जांच हो रही है। पैमाइश के बाद इस पर मालिकाना हक जताने वालों से दस्तावेज तलब किए गए हैं। जांच टीम से जुड़े लोगों का खुद ही कहना है कि नवापुर के प्लाट को लेकर पूर्व विधायक सपा के हाजी समद अंसारी ने बकायदा जांच टीम को नगर निगम का टैैक्स पर्ची तक दिखाई। एक बयान में उन्होंने यह भी कहा कि जिस भूमि पर विद्यालय की स्थापना की गई है। वह शत्रु सपंत्ति नहीं है। यह भूमि भारतीय नागरिक फातमा बीबी से वर्ष 2002 में बैनामा कराया गया था। तत्कालीन डीएम व भारत सरकार ने इस बैनामा को वैध भी माना था।

दस्तावेजों की जांच के बाद अब तस्वीर साफ होगी कि इन लोगों ने कैसे रजिस्ट्री करायी

सीईपीआई सर्वेयर शत्रु संपत्ति अशोक कुमार सिंह की अगुवाई में राजस्व, नगर निगम व पुलिस की टीम ने नवापुर के अलावा नक्खी घाट प्लाट के शत्रु संपत्ति की भी पैमाइश कराया था। टीम का कहना था कि एक तीन मंजिला पब्लिक स्कूल संचालित, आधा दर्जन आवास व प्लाट भी मिले। जांच टीम ने पैमाइश की। टीम का कहना है कि शत्रु संपत्ति पर मालिकाना हक जताने वालों से दस्तावेज समेत अन्य साक्ष्य तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। दस्तावेजों की जांच के बाद अब तस्वीर साफ होगी कि इन लोगों ने कैसे रजिस्ट्री करायी, मकान नम्बर लिया आदि।

जिले में 97 पूर्ण व छह आंशिक शत्रु संपत्तियां

नगर क्षेत्र में कुल 97 पूर्ण व छह आंशिक रूप से संपत्तियां शत्रु संपत्ति के नाम से अभिलेख में दर्ज किया गया है। राजस्व विभाग 15 सपंत्तियां प्लांट नंबर से दर्ज है। पांच में आराजी नंबर नहीं मिला है। दस परिसंपत्तियों पर अभिरक्षक शत्रु संपत्ति भारत सरकार के नाम से राजस्व अखिलेख में दर्ज है। इसमें कुछ लोगों ने आवास तो कुछ लोगों ने अपार्टमेंट तक निर्माण करा रखा है।


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