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BHU में पीएचडी प्रवेश पर रोक के बाद जांच कमेटी गठित, अनियमितता का कुलपति ने लिया संज्ञान

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक ओर जहां तमाम संकायों विभागों में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 10:36 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 10:36 AM (IST)
BHU में पीएचडी प्रवेश पर रोक के बाद जांच कमेटी गठित, अनियमितता का कुलपति ने लिया संज्ञान
BHU में पीएचडी प्रवेश पर रोक के बाद जांच कमेटी गठित, अनियमितता का कुलपति ने लिया संज्ञान

वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक ओर जहां तमाम संकायों, विभागों में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। वहीं अनियमितता की शिकायत पर न सिर्फ हिंदी विभाग का परिणाम रोक दिया गया है, बल्कि प्रकरण की जांच के लिए विवि प्रशासन की ओर से तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। 

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इस संदर्भ में पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. ज्ञान प्रकाश मिश्र ने 11 जनवरी को कुलपति प्रो. राकेश भटनागर को पत्र लिखकर साक्षात्कार प्रक्रिया में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया था। डा. मिश्र के मुताबिक वे ङ्क्षहदी विभाग के पीएचडी साक्षात्कार बोर्ड में शामिल हैं। सुबह दस बजे से रात नौ बजे तक चलने वाली साक्षात्कार प्रक्रिया में वे नियमित रूप से शामिल रहे हैं। 11 जनवरी को साक्षात्कार प्रक्रिया से निकलने के बाद बाहर कुछ अराजक तत्वों की ओर से धमकी दी गई।

वहीं साक्षात्कार बोर्ड के बीच ही मेरे द्वारा दिए गए पत्र पर आपत्ति जताते हुए जबरन वापस लेने का दबाव बनाया गया। यह घटना सभी सदस्यों के समक्ष हुई, लेकिन मैंने पत्र वापस लेने से मना कर दिया। डा. मिश्र ने जानमाल की सुरक्षा व प्रताडऩा से बचाने की कुलपति से गुहार लगाई थी। सूत्रों के मुताबिक इसे गंभीरता से लेते हुए कुलपति ने अग्रिम कार्रवाई के लिए कला संकाय के डीन प्रो. अशोक सिंह के पास भेज दिया था।

वहीं अब मामले में डा. डीके सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। ज्ञात हो कि अब तक हिंदी विभाग में पीएचडी साक्षात्कार का परिणाम घोषित नहीं हुआ है। वहीं विवि प्रशासन की ओर से 25 जनवरी को परिणाम घोषित किए जाने का दावा किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक 25 जनवरी को ही फीस जमा करने की अंतिम तिथि है।

-मामला हिंदी विभाग का नहीं, बल्कि भोजपुरी अध्ययन केंद्र का है। जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। ऐसी ही कुछ समस्या ङ्क्षहदी विभाग में भी उठने का अंदेशा है। - प्रो. अशोक सिंह, डीन कला संकाय।


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