अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस : कोरोना आपदा ने छीनी उम्मीद तो मनरेगा ने चेहरे पर बिखेरी खुशियां
घर लौट रहे प्रवासियों को सुविधा देने के साथ ही इनको रोजगार उपलब्ध कराने की भी एक बड़ी चुनौती आन पड़ी। विपत्ति के समय इन प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने में मनरेगा योजना संकटमोचक बनी। कोरोना आपदा ने लोगों को मायूसी दी तो मनरेगा ने चेहरे की खुशियां बिखेरी।
मीरजापुर, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोविड 19 आपदा ने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया था। इससे बचाव के लिए लगे लाकडाउन के चलते गैर प्रांतों में रहने वाले लोग अपना बसा बसाया रोजगार छोड़कर घर लौटने लगे। ऐसे में शासन-प्रशासन के समक्ष घर लौट रहे प्रवासियों को सुविधा देने के साथ ही इनको रोजगार उपलब्ध कराने की भी एक बड़ी चुनौती आन पड़ी। विपत्ति के समय इन प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने में मनरेगा योजना संकटमोचक बनी। कोरोना आपदा ने लोगों को मायूसी दी तो मनरेगा ने चेहरे की खुशियां बिखेरी। प्रवासियों को मनरेगा के तहत रोजगार देकर मीरजापुर जनपद चौथे पायदान पर भी पहुंच गया।
कोरोना काल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मनरेगा से हर प्रवासी को रोजगार देने की कवायद आरंभ की गई। मुख्यमंत्री द्वारा 15 जून तक निर्धारित एक लाख 40 हजार 417 काम के लक्ष्य मिला। मीरजापुर में सीडीओ अविनाश सिंह ने कोरोना काल में घर लौटे हर प्रवासी को काम देने का प्रयास किया। जनपद में एक 43 हजार 657 लोगों को 14 जून तक को काम देकर अर्थात लक्ष्य को 24 घंटे पहले ही पूरा कर दिया। प्रशासन ने जून माह में 193.79 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा करने में भी सफलता अर्जित की है। उपायुक्त श्रम रोजगार मो. नफीस ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जून तक एक लाख 40 हजार 417 लोगों को काम देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जो एक बड़ी चुनौती थी। माह मई के लक्ष्य के सापेक्ष 322.19 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया गया था। जनपद के 809 ग्राम पंचायतों में से 792 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम कराया गया। विकास खंड छानबे में 20424, सिटी नगर में 16782, हलिया 20261, जमालपुर 14259, कोन 5163, लालगंज 11278, मझवां 6628, नरायनपुर 5433, पहाड़ी 6274, पटेहरा कला 16187, राजगढ़ 18069 और सीखड़ में 2899 सहित 143657 लोगों को काम दिलाया गया था।
एक लाख 43 हजार लोगों को रोजगार देकर चौथे पायदान पर रहा जिला
मनरेगा योजना में एक लाख 43 हजार 657 लोगों को रोजगार देकर मीरजापुर पूरे प्रदेश में चौथे पायदान पर पहुंच गया था। जनपद सीतापुर 177214 के साथ प्रथम, बस्ती 160325 द्वितीय, प्रयागराज 147620 लोगों को मनरेगा से रोजगार देकर तृतीय स्थान था। सीडीओ अविनाश सिंह ने बताया कि श्रमिकों के लिए मनरेगा के तहत रोजगार सृजन का काम लगातार किया जा रहा है।
प्रवासियों को 125 दिन दिया गया काम
कोरोना आपदा के दौरान प्रवासियों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के द्वारा 125 दिन तक के लिए अभियान चला। सीडीओ अविनाश सिंह ने बताया कि अभियान के तहत जनपद भर में अभियान के तहत 25 कार्य कराया गया। इसके तहत कैटल शेड, गोट शेड, वर्मी कंपोङ्क्षस्टग, पोल्ट्री फार्म, फार्म पांड खेत तालाब, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, प्रधानमंत्री सड़क योजना की सड़क, रूब्रन मिशन, हार्टीकल्चर, प्लांटेशन, श्याम प्रसाद मुखर्जी योजना, मत्स्य पालन, संपर्क मार्ग, जल निगम विभाग, कृषि, उद्यान आदि विभाग द्वारा कार्य कराया गया।
भेड़ पालन से मोनू के जीवन में आई खुशियां
कोरोना के चलते मायूस व हताश प्रवासी लोगों को जिला प्रशासन ने एक नई राह दिखाई है। बीडीओ श्वेतांक ङ्क्षसह ने बताया कि विकास खंड सिटी के छीतपुर के मोनू ने भेड़ पालन ने मनरेगा योजना के तहत लगभग एक लाख 72 हजार रूपए से बकरी शेड निर्माण, प्रवासी श्रमिक रामदास पुत्र महादेव ने एक लाख 72 हजार की लागत से बकरी आश्रय स्थल (गोट) बनाकर बकरी पालन कार्य, लालमनी पुत्र कल्लू ने मनरेगा के तहत एक लाख 72 हजार की लागत से गोट शेड का निर्माण कराया गया है।
बोले अधिकारी
कोरोना काल में प्रवासियों को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती थी। मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के माध्यम से प्रवासियों को शाासन की मंशानुरुप रोजगार मुहैया कराया गया और सभी के सहयोग से प्रक्रिया अनवरत चल रही है। - अविनाश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी।
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जिले में कुल ग्राम सभा - 809
जिले में पंजीकृत मनरेगा मजदूर - 339387
सक्रिय मनरेगा जॉब कार्डधारक - 188506
वर्तमान में सक्रिय मजदूर - 274334
वर्तमान में काम पर लगे मजदूर - 21475