Move to Jagran APP

काशी में एक ऐसा बैंक जहां करोड़ों की जमा पर ब्याज तो है पर टैक्स नहीं

शिव नगरी काशी में यूं तो कई बैंक हैं लेकिन, काशी विश्वनाथ को समर्पित एक ऐसा बैंक भी है जिसमें जमा होने वाली पूंजी पर कोई टैक्स नहीं लगता है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 11 Feb 2018 08:58 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 04:27 PM (IST)
काशी में एक ऐसा बैंक जहां करोड़ों की जमा पर ब्याज तो है पर टैक्स नहीं
काशी में एक ऐसा बैंक जहां करोड़ों की जमा पर ब्याज तो है पर टैक्स नहीं

loksabha election banner
v>वाराणसी [विकास बागी ]। शिव नगरी काशी में यूं तो कई बैंक हैं लेकिन, काशी विश्वनाथ को समर्पित एक ऐसा बैंक भी है जिसमें जमा होने वाली पूंजी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। ओम् नम: शिवाय नाम के इस बैंक में अपनी पूंजी जमा करने वाले को ब्याज के रूप में मन का सुकून मिलता है। यह बैंक इस समय इतना धनवान है कि भारत की जनसंख्या से भी अधिक 134 करोड़ पंचाक्षर मंत्र यहां जमा हो चुके हैं। मन को शांति देने वाले इस अनूठे बैंक में देश ही नहीं विदेश के श्रद्धालुओं का भी खाता है।
16 साल पहले हुई स्थापना 
काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में बांसफाटक क्षेत्र के कोतवालपुरा स्थित बिहारीपुरी मठ में ओम् नम: शिवाय बैंक मौजूद है। वर्ष 2002 में गंगा दशहरा के दिन 11 वैदिक ब्राह्मणों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में मंत्रोचार के बीच ओम् नम: शिवाय बैंक की स्थापना की आधारशिला रखी। वर्ष 2002 से लेकर 2010 तक यह इस बैंक के चेयरमैन पवन कुमार चौरसिया के आवास पर था लेकिन, श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे व उन्हें पहुंचने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए इस बैंक को बाबा दरबार के समीप बिहारीपुरी मठ में स्थानांतरित किया गया। 
दस शिवभक्त बने पहले ग्राहक
बाबा दरबार में प्रतिदिन शीश नवाने वाले दस शिवभक्तों की सोच ने इस बैंक की आधारशिला रखी। बैंक के वाइस चेयरमैन राजेंद्र त्रिवेदी बताते हैं कि वर्ष 2002 में बाबा दरबार में मत्था टेकने के दौरान देखा कि कुछ श्रद्धालु एक पन्ने पर ओम् नम: शिवाय लिख रहे हैं लेकिन, उनके लिखे पंचाक्षर मंत्र को उचित सम्मान नहीं मिल रहा था। विचार आया कि क्यों न बाबा के नाम के बैंक की स्थापना की जाए। समाजसेवी पवन कुमार चौरसिया के साथ मिलकर इस बैंक को स्थापित किया गया। पवन कुमार चौरसिया, राजन त्रिवेदी, आरके सिंह पूर्व आयकर आयुक्त, समाजसेवी शांतिलाल जैन, घनश्याम दास बिड़ला, केवी भावे, हरि भावे, गणेश नारायण पालंदे, डा. श्याम बापट, लक्ष्मण बिस्वाल भावे की उपस्थिति में बैंक की शुरूआत हुई। चेयरमैन बने पवन कुमार चौरसिया व वाइस चेयरमैन राजेंद्र त्रिवेदी। 
काशी से कनाडा तक के ग्राहक
इस बैंक में और बैंकों की तरह नकद नहीं वरन महादेव के भक्तों की श्रद्धा एकत्र की जाती है। बैंक की ओर से पुस्तक दी जाती है। श्रद्धालु चाहे तो निशुल्क दी जाने वाली शिवार्चना लेखन जप पुस्तक को घर बैठे मंगा सकता है। काशी विश्वनाथ के भक्तों से जुड़े इस बैंक के ग्राहक काशी से कनाडा तक के हैं। बैंक के वाइस चेयरमैन राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि काशी के अलावा यूपी के अन्य शहरों के साथ ही आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार राजस्थान, के अलावा विदेश में भी कनाडा, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, बांग्लादेश, म्यांमार, फ्रांस, नेपाल के रहने वाले श्रद्धालु इस बैंक से जुड़े हैं। 
हैदराबाद के श्रद्धालु कर रहे पाठ
महाशिवरात्रि पर बाबा की बरात में शामिल होने आए हैदराबाद के 50 श्रद्धालुओं का दल इस समय ओम् नम: शिवाय बैंक में आठ दिवसीय शतचंडी पाठ के साथ ही बैंक में पंचाक्षर जमा करने के लिए दिन-रात जुटा है। श्रद्धालुओं ने बताया कि काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद इस बैंक के प्रांगण में ओम् नम: शिवाय  लिखने से मन को जो सुकून मिला है, वह अब तक दुनिया में कहीं नहीं मिला।  

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.