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ODOP में शामिल हुई वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी व लकड़ी के खिलौने, उत्पादों को बढ़ावा देने को जारी किया निर्देश

ओडीओपी (वन डिस्ट्रक्टि वन प्रोडक्ट) में बनारस की रेशमी साड़ी के अलावा गुलाबी मीनाकारी व लकड़ी के खिलौने (वूडेन लेकर वेयर व ट्वायज) को भी शामिल कर लिया गया है। अब इस उद्यम को इस योजना से संजीवनी मिलेगी। शासन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 09:39 AM (IST)
ODOP में शामिल हुई वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी व लकड़ी के खिलौने, उत्पादों को बढ़ावा देने को जारी किया निर्देश
बनारस की रेशमी साड़ी के अलावा गुलाबी मीनाकारी व लकड़ी के खिलौने को भी ओडीओपी में शामिल किया गया है।

वाराणसी, जेएनएन। ओडीओपी (वन डिस्ट्रक्टि वन प्रोडक्ट) में बनारस की रेशमी साड़ी के अलावा गुलाबी मीनाकारी व लकड़ी के खिलौने (वूडेन लेकर वेयर व ट्वायज) को भी शामिल कर लिया गया है। अब इस उद्यम को इस योजना से संजीवनी मिलेगी। वैसे भी गुलाबी मीनाकारी व बनारस के लकड़ी के खिलौने की ब्रांडिंग लंबे समय से हो रही है। ब्रांड बनारस के पहले से ही हिस्से हैं। इसी प्रकार आजमगढ़ में निजामाबाद की ब्लैक पाटरी के संग अतिरिक्त उत्पाद में मुबारकपुर की साड़ी को शामिल किया गया है। मीरजापुर में कालीन के बाद ओडीओपी में मेटल उद्योग ब्रास को भी ले लिया गया है। उद्यमी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। उद्यमियों का कहना था कि ओडीओपी में इन उत्पादों के शामिल न होने से इनका आस्तिव संकट में आ जाएगा। कई लोगों ने सीएम से भी इसकी मांग की थी। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि ओडीओपी में चर्चित अन्य पारंपरिक उत्पादों को शामिल किया जाएगा। शासन की ओर से इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है। उपायुक्त उद्योग ने चयनित अतिरिक्त उत्पादों को ओडीओपी में शामिल करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन को निर्देश दिया है

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गुलाबी मीनाकारी

बारीक, मनमोहक रंगों, और सुंदर डिजाइनों के कारण बनारस की गुलाबी मीनाकारी की अपनी अलग पहचान है। प्राचीन काल में राजे-रजवाड़ों के मुकुट, छत्र, वस्त्र और रत्नजडि़त आभूषण पर किया जाता था। बाद में गुलाबी मीनाकारी आभूषणों, सजावटी सामान विशेषकर हाथी, घोड़े, ऊंट, चिडिय़ा, मोर तथा चांदी के बर्तनों आदि पर की जाती है। उपेक्षा के कारण मीनाकारी लगभग दम तोड़ रही थी। ओडीओपी में शामिल होने से इसको संजीवनी मिलेगी।

25 लाख लोगों को रोजगार का लक्ष्य

पारंपरिक उत्पाद को आगे लाने व ब्रांड बनाने के लिए ओडीओपी को प्रदेश सरकार ने 2018 में लांच किया था। सबसे पहले चुनिंदा जिलों से एक-एक उत्पाद को इसमें शामिल किया गया। ओडीओपी स्कीम अंतर्गत प्रदेश सरकार ने 5 वर्षों में 2500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देकर 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य तय किया है। इस स्कीम से उत्तर प्रदेश की जीडीपी में दो फीसद की वृद्धि की संभावना जताई गई है। इस योजना से एक ओर जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था सु²ढ़ की बात कही जा रही है वहीं दूसरी तरफ स्थानीय उत्पादों के लिए राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय बाजार के द्वार खुलने की भी संभावना है।

अब ओडीओपी में कई उत्पाद

जिले        --- पहले ---    नए जुड़े उत्पाद

मीरजापुर --- कालीन --   मेटल उद्योग (ब्रास)

वाराणसी -- रेशमी उत्पाद --गुलाबी मीनाकारी व लकड़ी के खिलौने

आजमगढ़ - ब्लैक पाटरी -- मुबारकपुर की साड़ी

आमदनी बढ़े, साथ ही इन परिवार के युवा परंपरागत उद्यम को आगे बढ़ाने की दिशा में जुड़े सकें

नए उत्पादों को जोडऩे का मकसद यही है कि पीढियों से इस कारोबार में लगे हुए लोगों को आर्थिक मदद देने के साथ ही नई तकनीकी से जोड़ राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाई जा सके। आमदनी बढ़े, साथ ही इन परिवार के युवा परंपरागत उद्यम को आगे बढ़ाने की दिशा में जुड़े सकें।

- उमेश सिंह, संयुक्त आयुक्त उद्योग


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