गंगाजी और गौमाता की चिंता बगैर स्वदेशी विकास संभव नहीं : केएन गोविंदाचार्य
शनिवार को अध्ययन प्रवास के दौरान वाराणसी पहुंचे केएन गोविंदाचार्य ने शूलटंकेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक और गंगा का पूजन संग दुग्धाभिषेक भी किया।
वाराणसी, जेएनएन। मीरजापुर से वाराणसी तीन दिनी प्रवास के लिए शनिवार को अध्ययन प्रवास के दौरान वाराणसी पहुंचे केएन गोविंदाचार्य ने शूलटंकेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक और गंगा का पूजन संग दुग्धाभिषेक भी किया।
के एन गोविंदाचार्य अपने अध्ययन प्रवास यात्रा एक सितंबर से दो अक्टूबर तक देव प्रयाग से गंगासागर के दौरान शनिवार काे वाराणसी में पहुंच गए। इस दौरान शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर स्थित एक रिसॉर्ट में प्रबुद्ध जनों के साथ वार्ता के बाद शूलटंकेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक और गंगाजी की पूजा अर्चना किए। के एन गोविंदाचार्य ने इस दौरान जागरण से कहा कि गंगा जी और गौमाता की चिंता किए बगैर स्वदेशी विकास संभव नहीं है।
के एन गोविंदाचार्य ने कहा कि समाज आगे और सत्ता पीछे रहेगा तभी भारत का विकास संभव है। कहा कि गरीबी घटी नहीं है बल्कि अपराध, बेरोजगारी, विषमता बढ़ी है। गरीब वर्ग और महिलाओं की स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कहा कि सत्ता से नहीं संस्कार से देश का विकास होगा। कहा कि नई चुनौती सामने आई है। पहले अर्थसत्ता हावी थी लेकिन अब टेक्नोलॉजी की सत्ता हावी है।
सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, टविटर, व्हाट्सएप आदि पर नियंत्रण के लिए लोकपाल जैसी व्यवस्था लागू करने की जरूरत है। अध्ययन प्रवास के दौरान केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि हम बिना संस्कारों के भारत का निर्माण नहीं कर सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान श्रवण कुमार सिंह, शांति प्रकाश, उमेश सिंह, अभिषेक सिंह, धर्मेंद्र, अम्बरीष उपाध्याय सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।