Move to Jagran APP

अब ट्रांसफर-पोस्टिंग में नहीं चलेगी सिफारिश, 'कंप्यूटर जी' करेंगे इंस्पेक्टर से लेकर सिपाहियों तक के तबादले

Indian Railways अब रेलवे सुरक्षा बल में तबादलों के नाम पर खेल नहीं हो सकेगा। यह जिम्मेदारी अब कंप्यूटर जी को दे दी गई है। तबादले ट्रांसफर मैनेजमेंट मॉड्यूल (टीएमएम) के कायदों मुताबिक होंगे। तैनात इंस्पेक्टर हेड कांस्टेबल सिपाही के तबादले उनके परफॉर्मेंस के मुताबिक होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Sun, 04 Jun 2023 09:08 AM (IST)Updated: Sun, 04 Jun 2023 09:08 AM (IST)
अब ट्रांसफर-पोस्टिंग में नहीं चलेगी सिफारिश, 'कंप्यूटर जी' करेंगे इंस्पेक्टर से लेकर सिपाहियों तक के तबादले
अब ट्रांसफर-पोस्टिंग में नहीं चलेगी सिफारिश, 'कंप्यूटर जी' करेंगे इंस्पेक्टर से लेकर सिपाहियों तक के तबादले

वाराणसी,राकेश श्रीवास्तव। रेल मंत्रालय ने ट्रांसफर पॉलिसी को पारदर्शी बनाने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर देश भर में ट्रांसफर पॉलिसी को प्रभावी किया है। इसके तहत अब रेलवे सुरक्षा बल में तबादलों के नाम पर खेल नहीं हो सकेगा। यह जिम्मेदारी अब ‘कंप्यूटर जी’ को दे दी गई है।

loksabha election banner

तबादले ट्रांसफर मैनेजमेंट मॉड्यूल (टीएमएम) के कायदों मुताबिक होंगे। मसलन, रेल मंडल और जोन में तैनात इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल, सिपाही के तबादले उनके परफॉर्मेंस के मुताबिक पारदर्शी तरीके से किए जा सकेंगे। अफसरों तक को भनक नहीं होगी किसे तैनाती कहां मिलेगी।

ट्रांसफर मैनेजमेंट मॉड्यूल को जानिए

यह एक डिवाइस सिस्टम है। इसमें रेलवे सुरक्षा बल में तैनात इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक का ब्योरा दर्ज होगा। मसलन, किसकी तैनाती किस जोन, मंडल में कब-कब रही? उसने अपनी नौकरी का कार्यकाल कहां-कहां पूर्ण कर लिया है। उसके खिलाफ कितनी जांच हो चुकी है, कितनी लंबित पड़ी है ... इत्यादि।

इससे जवानों को इस तरह होंगे फायदे

बल के लोगों की तबादला सूची प्रत्येक वर्ष 31 मार्च तक जारी हो जाएगी। टीएमएम को इसी अनुरूप तैयार किया जा रहा है। जवान तबादला होने पर परिवार एक से दूसरी जगह आसानी से शिफ्ट कर सकेंगे। खास बात यह कि जवानों को ट्रांसफर के लिए तीन मनचाहा स्थान भरना होगा। इसमें किसी एक स्थान पर जरूरत के मुताबिक तबादला किया जाएगा।

तैनाती के कायदे

06 वर्ष इंस्पेक्टर की एक रेल मंडल में तैनाती। इस अवधि को तीन-तीन वर्ष की दो तैनाती में काउंट किया जाता है। 10 वर्ष सिपाही से लेकर एसआई (दारोगा) तक के लिए। इस अवधि को पांच-पांच वर्ष के दो तैनाती के रूप में काउंट किया जाता है।

पूर्वोत्तर रेल के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण एवं डिजिटलीकरण की दिशा में अग्रसर है। आरपीएफ भी इसी क्रम में एक डिजिटल ट्रांसफर मॉड्यूल लाई है। अब भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बनी रहेगी।

नंबर गेम

  • इंस्पेक्टर : 19
  • सब इंस्पेक्टर : 25
  • सहायक सब इंस्पेक्टर : 47
  • हेड कांस्टेबल : 174
  • कांस्टेबल : 497
  • (नोट : टीएमएम भारतीय रेल के आरपीफ पर लागू है, जिसमें उक्त आंकड़ा पूर्वोत्तर रेल के वाराणसी मंडल की फोर्स का है।)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.