भारत अब खड़ी करे अपनी एक साइबर फौज, बीएचयू के वेबिनार में महाराष्ट्र के राज्यपाल ने 5जी तकनीक पर रखे विचार
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि 5जी तकनीक से शोधार्थियों एवं विद्वानों को सहूलियत होगी चाहे वह रिमोट सेंसिंग कृषि अथवा शिक्षा का क्षेत्र हो।
वाराणसी, जेएनएन। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि 5जी तकनीक से शोधार्थियों एवं विद्वानों को सहूलियत होगी, चाहे वह रिमोट सेंसिंग, कृषि अथवा शिक्षा का क्षेत्र हो। बीएचयू के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग द्वारा 5जी तकनीक पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार के समापन समारोह को राज्यपाल बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले यह माना जाता था कि विज्ञान के सिद्धांत 10-20 वर्षों में बदलते हैं लेकिन आज विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है कि वैज्ञानिक सिद्धांतों को परिवर्तित होने में सेकेंड का समय भी पर्याप्त है। उन्होंने प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा को वर्तमान तकनीक से जोडऩे की बात कही, जिससे मानव का मशीनीकरण होने के बजाय आत्मिक उन्नति हो।
एयर वाईस मार्शल प्रणय सिन्हा ने बताया कि आज की लड़ाई बंदूक से कम, इंटरनेट से ज्यादा लड़ी जा रही है। चीन और उत्तरी कोरिया के पास बड़ी संख्या में साइबर सैनिक हैं जो कि भारत पर लगातार साइबर हमले करते रहते हैं। आज भारत को भी इस तरह के साइबर सैनिकों की फौज खड़ी करनी होगी।
भारत में स्मार्ट फार्मिंग एंड एग्रीकल्चर है जरूरी
आइसीएआर के मुख्य वैज्ञानिक डा. रबी नारायण साहू ने कहा कि सैटेलाइट बनाम यूएवी पर आधारित रिमोट सेंसिंग से मृदा सुरक्षा, कृषि की गुणवत्ता इत्यादि को सुनिश्चित किया जाये। सुमित्रा गोयनका ने नीदरलैंड्स की तकनीक मॉडल का उदाहरण देते हुए भारत में स्मार्ट फार्मिंग एंड एग्रीकल्चर की बात की। आइआइटी, मद्रास के लाइब्रेरियन डा. महेंद्र एन. जाधव ने डिजिटल लाइब्रेरी की अवधारणा पर जानकारी दी। प्रो. राकेश मोहन उपाध्याय ने कहा कि कोविड महामारी ने हमें सिखा दिया है कि शिक्षण का कार्य घर से या दुनिया के किसी भी स्थान से किया जा सकता है अध्यापकों को सिर्फ मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वयं को इसके लिए तैयार करना होगा। तीन दिवसीय वेबिनार का संयोजन डा. आदित्य त्रिपाठी, डा. आलोक पांडेय सहित डा. अभिनव सिंह, प्रो., सुनीत द्विवेदी, रजनी मिश्र आदि ने किया।