गंगा को अविरल बनाने की अलख जगा रही अतुल्य गंगा परिक्रमा, 2800 किमी की यात्रा पूरी कर चुनार पहुंची पदयात्रा
गंगा को अविरल व निर्मल बनाने तथा गंगा बेसिन को प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से अतुल्य गंगा अभियान के तहत मुंडमाल गंगा परिक्रमा पर निकले पदयात्रियों का जत्था 2800 की यात्रा पूरी कर रविवार को मीरजापुर के चुनारगढ़ पहुंचा।
मीरजापुर, जेएनएन। गंगा को अविरल व निर्मल बनाने तथा गंगा बेसिन को प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से अतुल्य गंगा अभियान के तहत मुंडमाल गंगा परिक्रमा पर निकले पदयात्रियों का जत्था 2800 की यात्रा पूरी कर रविवार को चुनारगढ़ पहुंचा। शिवशंकरी धाम कैलहट में पदयात्रा का स्वागत चुनार एनसीसी के कैप्टन गणेश प्रसाद ङ्क्षसह के नेतृत्व में सैकड़ों कैडेटों ने किया। इसके बाद वहां से करीब दस किलोमीटर पैदल चलकर लोगों को गंगा के प्रति जागरूक करते हुए सभी पीडीएनडी इंटर कालेज चुनार पहुंचे।
छह हजार किमी की यात्रा स्वधीनता दिवस पर संपन्न होगी यात्रा
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहुमी, से.नि. सैन्य अभियंता गोपाल शर्मा व से.नि. कर्नल मनोज केश्वर के नेतृत्व में अतुल्य गंगा-मुंडमाल गंगा परिक्रमा अभियान के तहत करीब 6 हजार किलोमीटर की पदयात्रा 220 दिनों में पूरी कर 15 अगस्त को समापन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। यात्रा का दूसरा चरण गंगासागर से 6 फरवरी को निकला है और अब तक यह जत्था 28 सौ किलोमीटर की यात्रा तय कर चुका है। पदयात्रियों में शामिल टीम के सदस्य रोहित जाट ने बताया कि यह यात्रा विश्व की कठिनतम और सबसे लंबी पदयात्रा है। इस कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ समाज और सेना का भी सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि आज भी कई शहरों में गंगा में नाले का पानी जा रहा है। उन्होंने यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि परिक्रमा, पर्यावण व प्रदूषण मैङ्क्षपग, पौधरोपण व जन संवाद कार्यक्रम अभियान का प्रमुख हिस्सा हैं। इससे लोगों को गंगा के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
युवाओं को जोडऩे का प्रयास
कर्नल आरपी पांडेय ने बताया कि अतुल्य गंगा अभियान यात्रा के दौरान ग्रीन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से अब तक पूरे परिक्रमा पथ पर पर्यावरण संरक्षण हेतु चार हजार पौधे रोपने के साथ उनकी जियो टैङ्क्षगग भी की गई है। इसके साथ ही युवाओं को इस अभियान के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि आगे चलकर वह भी गंगा के प्रति समर्पण भाव से काम करें। यात्रा के साथ रोहित उमराव, शगुन त्यागी, रोहित जाट आदि चल रहे हैं।
वैज्ञानिक तरीके से जांचा जा रहा है गंगा का जल
हिरेन भाई पटेल ने बताया हर दस किलोमीटर पर गंगाजल की वैज्ञानिक तरीके से जांच कर प्रदूषण की स्थिति व उसकी गुणवत्ता जांची जा रही है। वहीं गंगा नदी में गिरने वाले हर छोटे-बड़े नाले की पहचान कर प्रदूषण के स्त्रोंतों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा की दशा तभी सुधरेगी जब समाज के हर एक व्यक्ति का सहयोग मिलेगा। लिहाजा इसके लिए जन जागरण किया जा रहा है तथा लोगों को गंगा बचाने हेतु आगे आने का आह्वान किया जा रहा है।