खाने के साथ अब पीने भी लगी है 'महंगाई डायन', जानिए कैसे गुपचुप हो रही आपकी जेब ढीली
जनता डीजल पेट्रोल गाडिय़ों में रोजाना भरा रही लेकिन उसे जेब कटने का अहसास जरा भी ही नहीं हो रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। सखी सैंया तो खूब ही कमात है, महंगाई डायन खाए जात है...। सिने स्टार आमिर खान निर्मित 'पीपली लाइव' फिल्म का यह गीत चुपके से जेब काट रहे पेट्रोलियम पदार्थों सहित अन्य वस्तुओं पर गुपचुप बढ़ रही महंगाई पर फिट बैठ रही है। सिर्फ नौ दिनों में पेट्रोल 78 पैसे तो डीजल 93 पैसे प्रति लीटर चढ़ गया है। जनता डीजल, पेट्रोल गाडिय़ों में रोजाना भरा रही लेकिन उसे जेब कटने का अहसास जरा भी ही नहीं हो रहा है।
पेट्रोलियम कंपनियों से पूर्व वित्तमंत्री ने वर्ष 2019 के बजट में करीब ढाई रुपये पेट्रोल एवं डीजल में दो रुपये की वृद्धि की गई थी। 19 अगस्त को बीते ठीक एक माह हुआ। उस दिन एक साथ पेट्रोल के दाम में 2.35 रुपये एवं डीजल में 96 पैसे की बढ़ोत्तरी हुई थी। यह तो घोषित रही लेकिन अघोषित मूल्यवृद्धि का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मसलन, नौ सितंबर को 74.14 रुपये रहा पेट्रोल 74.92 रुपये तो डीजल 65.92 रुपये के बजाए 66.85 रुपये हो गया है। महंगाई डायन प्रति लीटर करीब एक रुपये चुपके से पीने लगी है। दिलचस्प यह कि महंगाई की मुश्किल से जूझ रही जनता को अहसास तक नहीं हो पा रहा है। उसे समझ नहीं आ रहा कि कमाई तो हो रही फिर बजट दिन-प्रति-दिन बैठता क्यों जा रहा है। असलियत यही कि महंगाई डायन खाने के बाद डीजल, पेट्रोल के रूप में पीने भी लगी है।
दिनांक |
दर/पेट्रोल | दर/डीजल |
9 सितंबर | 74.18 | 65.97 |
10 सितंबर | 74.18 | 65.97 |
11 सितंबर | 74.23 | 66.02 |
12 सितंबर | 74.28 | 66.11 |
13 सितंबर | 74.33 | 66.20 |
14 सितंबर | 74.39 | 66.26 |
15 सितंबर | 74.50 | 66.41 |
16 सितंबर | 74.50 | 66.41 |
17 सितंबर | 74.70 | 66.65 |
18 सितंबर | 74.92 | 66.85 |
50 रुपये किलो हुआ प्याज
हे भगवान, क्या खाए इंसान ...। सब्जी दुकानों पर प्याज के दाम सुन ग्राहक ऐसी ही प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आह निकले भी तो क्यों नहीं। रोजाना मूल्य में एक रुपये की वृद्धि जो हो रही। एक पखवाड़ा पूर्व 32 के भाव रहा प्याज, आज 50 रुपये प्रति किलो बिका। दाम में बेतहासा वृद्धि पब्लिक को आंसू निकालने लगी है। अक्टूबर में नई फसल बाजार में आने के बाद ही राहत मिलने की उम्मीद है।
एक पखवाड़े में बढ़ी महंगाई
बमुश्किल एक पखवाड़ा पूर्व बाजार में प्याज 32 रुपये किलो बिक रहा था। पंद्रह दिनों में उलटफेर ऐसा कि प्याज ने मूल्य का अर्धशतक ठोक दिया। दाम सुनकर ही लोगों को आंसू निकल आ रहे हैं।
सरकारी इलाज के बावजूद पब्लिक त्रस्त
केंद्र सरकार के कानों तक प्याज की महंगाई पहुंच चुकी है। अंकुश को इलाज भी शुरू हुआ, लेकिन हालात बेकाबू है। राशन दुकानों से प्याज बेचने की खबर आई थी, जो जमीन पर उतर नहीं सकी।
गृहणियां दाम सुनकर हैरान
यूं तो महंगाई ने सभी को परेशान किया है। लेकिन प्याज की महंगाई ने गृहणियों को ज्यादा परेशान किया है। रोजाना इस उम्मीद से बाजार पहुंचती की दाम गिरेगा, लेकिन एक रुपये उछाल से परेशान हो उठतीं हैं।
थोक बाजार में भी महंगाई
थोक बाजार में भी महंगाई ने पैर जमा लिया है। पहडिय़ा मंडी में 40 से 45 के भाव प्याज बिक रहा है। कारोबारियों ने बताया कि प्याज नासिक, सतना, इंदौर से मंगाया जा रहा है। नासिक में किसान बीते सालों में हुए नुकसान के कारण अबकी खेती की हिम्मत नहीं जुटा सके। रही सही कसर बारिश ने पूरी कर दी, किसान प्याज निकाल ही नहीं पा रहे।
छुहारा, सेंधा नमक चार गुना महंगा
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से चल रही तनातनी का असर बाजार पर जबरदस्त पड़ा है। छोहाड़ा, सेंधा नमक के दाम में चार गुना वृद्धि हुई है। सेंधा नमक 30 रुपये तो छोहाड़ा 240 रुपये किलो तक बिकने लगा है। दोनों की खाद्य पदार्थों के दाम में और बढ़ोत्तरी की आशंका है।
छुहारा एवं सेंधा नमक पाक से ही भारतीय बाजारों में पहुंचता है। छोहाड़ा सामान्य दिनों में 40 से 100 रुपये किलो बिक रहा था, जो अब 160 से 240 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचा है। कमोबेश यही स्थिति सेंधा नमक की है। 40 से 50 रुपये में आसानी से उपलब्ध पांच किलो का पैकेट 150 रुपये किलो तक पहुंच गया है। बाजार की जरूरत एवं आपूर्ति में अंतर बढऩे सिलसिलेवार बढ़ते जाने से नित मूल्य में भी वृद्धि हो रही है।
चीन, नेपाल के रास्ते चोरी छिपे पहुंच रहा माल
माल आपूर्ति के सामान्य रास्ते बंद होने के कारण ब्लैक मार्केटिंग होने लगी है। असल में दोनों ही जरूरत की चीजें चीन एवं नेपाल के रास्ते पहुंच रही हैं। ऐसे में भारत के विभिन्न बाजारों तक पहुंचने तक मूल्य चार गुना तक बढ़ जा रही है।
सेंधा नमक की बढ़ी डिमांड
सेंधा नमक एक समय में व्रत इत्यादि में ही खाया जाता है। हाल के दिनों में लोग सेहत की दृष्टिगत सेवन करने लगे हैं। सेंधा नमक की बाजार में जबरदस्त डिमांड बढ़ी है। बाजार में पैदा हुई किल्लत ने ग्राहक ही नहीं व्यापारियों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं।
मेवा |
पुराना दर | नया दर |
काजू | 550 | 600 |
बादाम | 680 | 680 |
किशमिश | 240 | 180 |
गरी | 200 | 150 |
नोट : गरी का भाव प्रति शेष प्रति किलो है।
बोले मेवा कारोबारी : छोहाड़ा, सेंधा नमक दोनों के भाव उम्मीद से ज्यादा बढ़े हैं। आशंका भाव में और बढ़ोत्तरी की है। माल मंगाने में खर्च ज्यादा होने से मूल्य में कमी के आसार नहीं है। किशमिश के भाव कम हुए तो काजू 50 रुपये चढ़ा जो कि सामन्य बात है। -बबलू केशरी, प्रमुख मेवा कारोबारी, विश्वेश्वरगंज