कोरोना वायरस की चुनौती के मद्देनजर BHU कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने की उच्च स्तरीय बैठक
कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव में जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है।
वाराणसी, जेएनएन। दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण और इसे रोकने के प्रयासों के मद्देनजर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव में जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। बैठक में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय प्रमुख और संस्थानों के निदेशकों समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कुलपति ने सभी संकाय प्रमुखों व संस्थान निदेशकों से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि छात्रों, शिक्षकों व स्टाफ सदस्यों के बीच कोरोना वायरस से बचाव के बारे में पर्याप्त जागरूकता हो।
कुलपति ने छात्रों से अपील की कि वे अपने छात्रावासों में रहें और किसी भी तरह की भीड़भाड़ से बचें और ऐसे स्थानों पर जाने से परहेज करें जहां ज्यादा संख्या में लोग एकत्रित हों। उन्होंने संकाय प्रमुखों, निदेशकों और अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता संबंधी संदेश, पोस्टर या अन्य जानकारी का ज्यादा प्रवाह हो। कुलपति ने कहा कि छात्रावासों की मेस में भी इस बात की ख़ास सावधानी बरती जाए कि अनावश्यक भीड़ न हो और स्वच्छता-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। विश्वविद्यालय प्रशासन की आम लोगों से अपील है कि कैम्पस स्थित सर सुन्दरलाल अस्पताल और विश्वनाथ मंदिर में अनावश्यक भीड़ न लगाएं।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सर सुन्दरलाल अस्पताल में आने वाले मरीज़ों और उनके परिजनों से अपील की है कि बहुत जरूरी होने पर ही अस्पताल आएं और ऐसी कोई भी जांच, चिकित्सकीय प्रक्रिया, ऑपरेशन, परामर्श आदि को कुछ दिन बाद कराएं जिसके लिए इंतजार करना संभव हो। ऐसा करने से अस्पताल में अनचाही भीड़ से बचा जा सकेगा जिससे संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकेगा और प्रशासन व स्टाफ को अपना काम करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
कोरोना वायरस के मामलों या इससे जुड़ी जांच के सिलसिले में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित सर सुन्दरलाल अस्पताल में विशेष इंतजाम किये गए हैं। अगर किसी व्यक्ति को बुखार, खांसी होने या सांस लेने में तकलीफ की शिकायत है या वह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आया है या फिर उसने COVID-19 से ग्रस्त किसी देश की यात्रा की है, उनकी जांच के लिए ख़ास इंतज़ाम किये गए हैं। ऐसे लोग रजिस्ट्रेशन पर्ची बनवाकर बिना किसी लाइन में लगे सीधे ओपीडी के कमरा नं 103 में जाकर परामर्श ले सकते हैं। यहां जांच की सुविधा हर दिन 24 घंटे उपलब्ध है।
अस्पताल में 6 आईसोलेशन वॉर्ड और 10-10 बेड वाले दो वॉर्ड कोरोना वायरस के मामलों की जांच व इलाज के लिए तैयार हैं। डॉक्टरों की टीम कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए पूरी तत्परता के साथ काम में जुटी है। इस दिशा में अस्पताल के कर्मचारियों को भी पूरी सावधानी व सतर्कता बरतने के बारे में ब्रीफिंग दी गई है और जरूरी सुविधाएं और सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। बैठक में रेक्टर प्रो. वी. के. शुक्ला, कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एस. के. माथुर, चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. आर. के. जैन भी उपस्थित थे।