वाराणसी के रमना में कचरे से बनेगी बिजली और करसड़ा में खाद, सवा साल में बन कर तैयार होगा प्लांट
कचरे से बिजली बनाने का प्लांट बनारस में लगने जा रहा है। यह प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट होगा जिसके तहत प्लांट स्थापना के बाद कचरे से बिजली बनाई जाएगी। इसके लिए रमना में स्थान चिन्हित हो गया है और 27 जुलाई को निविदा खोलने की तैयारी एनटीपीसी ने की है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कचरे से बिजली बनाने का प्लांट बनारस में लगने जा रहा है। यह प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट होगा जिसके तहत प्लांट स्थापना के बाद कचरे से बिजली बनाई जाएगी। इसके लिए रमना में स्थान चिन्हित हो गया है और 27 जुलाई को निविदा खोलने की तैयारी एनटीपीसी ने की है। निविदा प्रक्रिया वक्त पर पूरी हुई तो सवा साल में कचरे से बिजली बनाने का प्लांट बन कर तैयार हो जाएगा।
एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम ने रमना में कचरे से ऊर्जा प्लांट लगाने की कवायद शुरू कर दी है। ईपीसी (एनर्जी प्रोक्युरमेंट कंस्ट्रक्शन) पैकेज के लिए दो चरणों में बोली के आधार पर आनलाइन निविदा आमंत्रित की है। 22 जून को शुरू हुई निविदा प्रक्रिया 27 जुलाई को समाप्त होगी। कचरे से बिजली बनाने का प्लांट 30 सितंबर 2022 बनकर तैयार हो जाएगा। कचरा पृथक करने के लिए प्लांट में भी मशीन स्थापित की जाएगी।
इसके अलावा नगर निगम प्रशासन की योजना है कि रमना में बिजली बनेगी तो करसड़ा में खाद। इसके लिए सूखा व गीला कचरा घरों में ही अलग कराया जाएगा। इसके लिए शहरवासियों को जागरूक किया जाएगा ताकि सूखे व गीले कचरे की उठान घर से ही हो सके। सूखे कचरा से बिजली बनेगी तो गीले कचरे से खाद। बिजली बनाने के लिए प्लांट को प्रतिदिन छह टन कचरा उपलब्ध कराया जाएगा।
रमना में नगर निगम की जमीन पर फिलहाल, कचरा डंप किया जाता रहा है। हालांकि, ग्रामीणों के विरोध से वर्तमान में वहां कचरा नहीं फेंका जा रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक इस प्लांट के निर्माण में 300 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन किया गया है। रमना के कचरा डंपिंग क्षेत्र में प्लांट की स्थापना की जाएगी।
प्लांट की व्यवस्था
-सवा साल में बन कर तैयार होगा कचरे से बिजली बनाने का प्लांट
-घर से करना होगा कचरे को पृथक तो प्रस्तावित योजना बनेगी सार्थक
-सूखा कचरा जाएगा रमना, गीला कचरा भेजा जाएगा करसड़ा