बालू की जगह भरा मिट्टी, सड़कें हो गई दलदल, मनमाने तरीके से हुए काम से परेशान शहरवासी
वाराणसी में एक दशक के अंदर बिछाई गई ड्रेनेज सीवर और पेयजल पाइपलाइन के चलते सड़कें दलदल हो गई है। कौन सी सड़कें कब और कहां धंस जाएगी कोई भरोसा नहीं है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर में एक दशक के अंदर बिछाई गई ड्रेनेज, सीवर और पेयजल पाइपलाइन के चलते सड़कें दलदल हो गई है। कौन सी सड़कें कब और कहां धंस जाएगी कोई भरोसा नहीं है। सड़कों पर बालू भरने की बजाय कार्यदायी एजेंसियों ने मिट्टी डाल दिया है। बारिश और आसपास क्षेत्रों का पानी सड़कों पर जाते ही बैठ जाती है। यदि उस रास्ते से कोई भारी वाहन गुजरा तो उसने धंसना तय हैं। गुरुवार की रात हुई बारिश के चलते शहर में कई स्थानों पर भारी वाहन धंसने के कारण घंटों जाम का कारण बना रहा।
जवाहर लाल नेहरू अरबन रिन्यूवल मिशन के तहत हजारों करोड़ से शहर में ड्रेनेज, सीवर और पेयजल पाइपलाइन का काम शुरू हुआ था। कई योजनाएं पूरी होने के बाद भी धरातल पर नहीं उतर सकी। सारनाथ में बने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से आज तक वरुणापार क्षेत्र के लोगों को गंगा गा पानी नसीब नहीं हो सका। उससे यह जरूर हुआ कि जब-जब उसे ट्रायल के लिए चालू किया गया तो सड़कों पर पानी का फुव्वारा निकलने लगा। जलनिगम ने पुरानी पाइपलाइन में कनेक्शन जोड़ दिया। पानी का प्रेशर पड़ते ही पाइपलाइन फट जाती है।
पेटी पर ठीकेदारों से कराया काम
शहर में काम ड्रेनेज, सीवर और पाइपलाइन डालने का काम शासन ने एक बड़ी कंपनी को दिया था। कंपनी ने खुद काम करने के साथ कई ठीकेदारों को पेटी पर काम दे दिया। इन ठीकेदारों ने कमाई के चक्कर में मनमाने तरीके से काम किया और उसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। आज भी शहर की कई कालोनियों में खोदी गई सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकी। इसके चलते कालोनीवासियों और आसपास गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्मार्ट सिटी का दावा खोखला
शहर के विकास को लेकर दावे खूब हो रहे हैं और स्मार्ट सिटी के नाम पर बातें भी। लेकिन, शहर की सड़कें डरा रही हैं। बारिश के इस मौसम में यह सड़क किसी दलदल की तरह नजर आएगी। जगह-जगह सड़कों पर हुए गड्डे और उसमें जलभराव होने से सड़कों के धंसने का सिलसिला बंद नही हो हो रहा है। आए दिन सड़कों में गिरकर लोग चोटिल हो रहे हैं।
शर्तों को भूल गए अफसर
ड्रेनेज, सीवर और पीने के पाइपलाइन बिछाने के नाम पर पूरे शहर की सड़कें बेतरतीबी से खोदी गई। खोदाई की अनुमति देते वक्त शासन ने कई शर्तें रखी थी लेकिन संबंधित विभाग कार्यदायी संस्थाओं से एक का भी पालन नहीं करवा पाई। सड़कों को खोदने के साथ उसे उसी हालत में छोड़ दिया और इसे किसी को बताने की जरूरत नहीं है।
शहरवासियों ने किया प्रदर्शन
मनमाने तरीके से खोदी गई सड़कों के विरोध में जनप्रतिनिधियों के साथ क्षेत्रीय लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया। लेकिन अफसरों के वादे उसी के साथ खत्म हो गए। थक हारकर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन करना ही छोड़ दिया।