वाराणसी में रुपये के लिए 12 घंटे तक अस्पताल संचालक ने रोका महिला का शव
वाराणसी में रोहनियां क्षेत्र केशरीपुर में एक अस्पताल संचालक ने पैसा न रहने पर मृत महिला का शव 12 घंटे तक रोक लिया। शव से बदबू आने के बाद रुपये लेकर ही परिजनों को सौंपा।
वाराणसी, जेएनएन। रोहनियां क्षेत्र केशरीपुर में एक अस्पताल संचालक ने पैसा न रहने पर मृत महिला का शव 12 घंटे तक रोक लिया। शव से बदबू आने के बाद पैसा लेकर ही परिजनों को सौंपा। रोहतास के तेलीपोखर निवासी सीता देवी पत्नी बलिस्टर सिंह कैंसर से पीडि़त थी। बलिस्टर की मुलाकात एक एंबुलेंस चालक से हुई। चालक ने सस्ता और अच्छा इलाज कराने की बात कहकर भुल्लनपुर स्थिति एक निजी अस्पताल में मंगलवार को भर्ती कराया। डाक्टरों ने इलाज के लिए 12 हजार रुपये का खर्च बताकर इलाज शुरू कर दिया। इस बीच मरीज की हालत बिगड़ती गई और अस्पताल प्रबंधन पैसा जमा कराने का दबाव बनता गया। परिजनों ने 9 हजार रुपए जमा भी कर दिया। उसके बाद रात में मरीज की मौत हो गई। पत्नी की मौत के सदमे से परेशान पति को जब अस्पताल ने हजारों रुपये का बिल पकड़ाया तो बिल देख उसने डाक्टर से कहा साहब हमारे पास पैसा नहीं है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा की पूरा पैसा जमा करने पर ही शव दिया जाएगा। दोनों पक्षों में काफी देर तक किचकिच होती रही। पति पत्नी के शव की भीख मांगता रहा। 12 घंटे के बाद जब शव से बदबू आने लगी तब भी अस्पताल प्रबंधन को रहम नहीं आई। पति ने भाई से पैसा मंगाकर 42500 रुपया जमा कराया। तब अस्पताल ने शव दिया। वहीं अस्पताल प्रबंधन से इस बारे में पूछने पर उन्होंने शव रोके जाने से साफ इनकार किया है।
ट्रैक्टर के धक्के से बाइक सवार युवक की मौत
चोलापुर के बलरामगंज पेट्रोल पंप के पास बुधवार सुबह पेट्रोल लेकर वापस लौट रहे बाइक सवार की ट्रैक्टर के धक्के से मौत हो गई। घटना के बाद ट्रैक्टर छोड़कर चालक फरार हो गया। जानकारी के मुताबिक रौना निवासी वीरू कुमार (25) पुत्र दुक्खु राम अपने रिश्तेदार इंद्रावती देवी के साथ फूलपुर से वापस लौट रहा था। वह बलरामगंज पेट्रोल पंप से पेट्रोल लेकर जैसे ही सड़क पर पहुंचा ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया। चौकी प्रभारी दानगंज अजय यादव ने उसे चोलापुर सीएचसी भेजा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने ट्रैक्टर- ट्राली को कब्जे में लेते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक अविवाहित था। वह तीन भाई व एक बहन में सबसे छोटा था।