वाराणसी में कोरोना का टीका लगवाने के लिए एक माह आगे की डेट, नहीं बुक हो पा रहा टीका केंद्र
केंद्र सरकार के आदेश पर बनारस में 18 से 44 वर्ष तक के करीब 22 लाख लोगों के लिए टीकाकरण तो शुरू हुआ लेकिन सीमित केंद्रों के चलते पांच मई तक केवल 10375 युवाओं को ही टीका लग पाया है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है। संक्रमितों का आंकड़ा तो बढ़ ही रहा है साथ ही कोरोना से होने वाले मौतों का ग्राफ भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण ही मात्र एक सहारा बचा है। वैसे तो केंद्र सरकार के आदेश पर बनारस में 18 से 44 वर्ष तक के करीब 22 लाख लोगों के लिए टीकाकरण तो शुरू हुआ, लेकिन सीमित केंद्रों के चलते पांच मई तक केवल 10375 युवाओं को ही टीका लग पाया है। इस रफ्तार से सभी युवाओं को दूसरी लहर में वैक्सीन लग पाएगी यह कहना मुश्किल है।
एक तो शासन की ओर से बेहद कम मात्रा में वैक्सीन मिल पा रही है, तो वहीं पंजीयन के बाद टीकाकरण केंद्र व स्लाट बुकिंग में भी तमाम दुश्वारियां पेश आ रही हैं। इसके चलते चाह कर भी युवा इस महाअभियान में प्रतिभाग करने से वंचित हो हैं। सिगरा निवासी आनंद कुमार आरोग्य एप पर पिछले चार दिन से रजिस्ट्रेशन करवाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। गुरुवार को भी वो सारा दिन रजिस्ट्रेशन करने का प्रयास करते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं चौक निवासी मनोज सिंह ने 30 अप्रैल को ही रजिस्ट्रेशन करा लिया था। मगर उन्हें अब तक स्लॉट नहीं मिला है। पोर्टल पर सिर्फ यही शो कर रहा है कि यह वैक्सीनेशन सेंटर बुक हो चुका है। अगली डेट पर देखें। अगली डेट सेलेक्ट करने पर भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। एक बार तो उन्हें एक माह आगे की डेट मिल रही थी तो उन्होंने कैंसिल कर दिया। इधर, शासन-प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है की टीकाकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है, लेकिन बिना वैक्सीन के ये दावे खोखले साबित हो रहे है। हालत ये हो गई है कि टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों को सप्ताह से महीने तक आगे की डेट मिल रही है। सीधे तौर पर कहे तो टीकाकरण का बैकलाग बढ़ता ही जा रहा है।
लहर से बचेंगे तब लग पाएगा टीका
एक तरफ जहां सरकार से लेकर विशेषज्ञ तक यही दावा कर रहे हैं कि कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने के लिए 18 साल से ऊपर के लोगों का जल्द से जल्द प्रतिरक्षित होना जरूरी है। यदि ऐसा न हुआ तो मौतों के बढ़ते आंकड़ों को नियंत्रित कर पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब लोगों को रजिस्ट्रेशन के दौरान ही डेट नहीं मिल रहा है और मिल भी रहा है तो इतना लंबा कि टीकाकरण की डेट ही जेहन से निकल जाए। अगर लाभार्थी डेट सेलेक्ट कर भी लेता है तो इस बात की क्या गारंटी है कि वो व्यक्ति इतनी लंबी अवधि तक कोरोना के कहर से बचा रह पाए। अगर इस अंतराल में उसकी मौत हो जाती है तो क्या यह टीका मुर्दों को लगाया जाएगा।
टीकाकरण कराने वालों की भीड़ बढ़ रही
टीकाकरण कराने वालों की भीड़ बढ़ रही है। इस वजह से यह समस्या आ रही है। पोर्टल पर आने वाली समस्या के बारे में फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।
- डा. वीएस राय, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी।