Varanasi में 22 खेल अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक कार्यमुक्त, 25 वर्ष से दे रहे थे training
वाराणसी में 22 खेल अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया है। इनमें से कई तासे 25 वर्ष से प्रशिक्षण दे रहे थे।
वाराणसी, जेएनएन। खेल निदेशालय हर वर्ष अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों की नियुक्ति करता है। वाराणसी के सिगरा स्थित डा. संपूर्णानंद स्पोटर्स स्टेडियम और डा. भीमराव आंबेडकर क्रीड़ा संकुल, बड़ा लालपुर में पिछले सत्र में 22 प्रशिक्षक नियुक्त थे। अब इनको कार्यमुक्त कर दिया गया है।
25 मार्च को उन्हें क्षेत्रीय खेल कार्यालय द्वारा बताया जाता है कि उनकी सेवाओं की अब आवश्यकता नहीं है। ऐसे में इन प्रशिक्षकों को समक्ष कई समस्याएं आ गयी है। पहले तो इनसे कहा गया कि अप्रैल में इनकी नियुक्ति पुन: कर दी जाएगी। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन हो गया। उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लॉकडाउन में किसी को सेवा से मुक्त नहीं किया जाएगा। वहीं 25 साल से अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक का कार्य करने वाले प्रशिक्षकों का कहना है कि हम अगर शिकायत करते हैं तो अधिकारी अगले वर्ष हमें रखेंगे की नहीं मालूम नहीं। अगर शिकायत नहीं करते हैं तो भूखमरी की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। हमारे सामने तो आगे कुआं हैं और पीछे खाई है।
हम लोग मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से निवेदन करते-करते थक गए हैं। जबकि हकीकत यह है कि अगर अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक न हो तो प्रदेश में खेल गतिविधियां ठप हो जाएंगी। कुछ प्रशिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हर वर्ष हम लोगों को चयन परीक्षण में उतरना पड़ता है। जो लोग हमारा मूल्यांकन करते हैं उनमें से 80 प्रतिशत प्रशिक्षक हमारे द्वारा ही प्रशिक्षित होते हैं। हमारी मानसिक दशा को कब खेल विभाग के आला अधिकारी समझेंगे, मालूम नहीं। हम सालों साल खेल विभाग की सेवा करते हैं न तो हमें पेंशन मिलती है और न ही किसी प्रकार की अन्य सुविधा। हमारी स्थिति को बंधुआ मजदूरों जैसी होती है।