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ठंड के इस मौसम में लजीज साग बीमारियों पर करता है वार, सेहत के लिए काफी लाभकारी

इस ठंड में अगर साग के गरमागरम पकौड़े और चाय मिल जाएं तो फिर कहना ही क्या। जी हां साग खाना बहुत लोगों को पसंद होता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 01:10 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 08:26 PM (IST)
ठंड के इस मौसम में लजीज साग बीमारियों पर करता है वार, सेहत के लिए काफी लाभकारी
ठंड के इस मौसम में लजीज साग बीमारियों पर करता है वार, सेहत के लिए काफी लाभकारी

वाराणसी, [वंदना सिंह]। इस ठंड में अगर साग के गरमागरम पकौड़े और चाय मिल जाएं तो फिर कहना ही क्या। जी हां, साग खाना बहुत लोगों को पसंद होता है। किसी को पालक अच्छी लगती है तो किसी को मेथी, बथुआ। सागों को विभिन्न प्रकार से कोफ्ता, पकौड़े, पराठे, रायता, चटनी, साग हर रूप में इन्हें खाया जाता है। इसमें सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि कई बीमारियों को दूर करने की शक्ति होती है। डायबिटीज, पेट, आंख, जोड़ों की आदि की समस्या साग के सेवन से नियंत्रित होती है। कई बीमारियों को तो यह जड़ से समाप्त कर देता है।  गुणों से भरपूर बथुआ, पालक व मेथी में कितना छुपा है सेहत का राज। डा.टीना सिंघल बताती हैं कि मूत्राशय, गुर्दा और पेशाब के  रोगों में बथुए का साग लाभदायक है। पेशाब रुक-रुककर आता हो, कतरा-कतरा सा आता हो तो इसका रस पीने से पेशाब खुल कर आता है।

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पोषक तत्वों से भरपूर

बथुआ का साग सर्दी के  मौसम में मिलता है। ठंड में इसका सेवन फायदेमंद है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, आयरन, कैल्शियम, फॉसफोरस और पौटेशियम मौजूद होता है। सर्दियों में इसे खाने से कई बीमारियों से बचाव होता है। बथुए में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, बथुआ पाचनशक्ति बढ़ाता है।

बथुआ खाने से फायदे

दोष कर्म की दृष्टि से यह त्रिदोष (वात, पित, कफ) को शांत करने वाला है। आयुर्वेद में बथुआ को भूख बढ़ाने वाला, पित्तशामक, मल-मूत्र को साफ और शुद्ध करने वाला माना गया है। यह आंखों के लिए उपयोगी और पेट के कीड़ों का नाश करने वाला है।यह पाचनशक्ति बढ़ाने वाला, भोजन में रुचि बढ़ाने वाला और स्वर (गले) को मधुर बनाने वाला है। बथुआ कब्ज की परेशानी से राहत दिलाता है। बथुआ का उबाला हुआ पानी पीने से पेट की कई समस्याओं का निदान होता है।

मेथी शुगर लेवल करता है नियंत्रित

मेथी के सेवन से रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम होता है जिससे डायबिटीज के मरीजों में शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।  ट खराब होने या अपच की स्थिति में मेथी का सेवन फायदेमंद है। भूख बढ़ाने के लिए भी इसका सेवन फायदेमंद है। बच्चों के पेट में कीड़े होने पर भी मेथी एक सटीक उपचार है। जिन बच्चों में यह समस्या होती है उनको मेथी की पत्तियों का रस निकालकर पिलाने पर कृमि समाप्त हो जाते हैं। मेथी का सेवन जोड़ों के दर्द की परेशानी से भी मुक्ति दिलाता है। इसके बीज और पत्तियां दोनों ही जोड़ों के दर्द में समान रूप से फायदेमंद है।

मेथी की हरी सब्जी को खाने से पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है और कब्ज व गैस की समस्या से आराम मिलता है।

पालक के साग के फायदे

पालक में पाए जाने वाले तत्वों में मुख्य रूप से कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, लोहा, खनिज लवण, प्रोटीन, श्वेतसार, विटामिन 'ए एवं 'सी आदि होता है। इन तत्वों में भी लोहा विशेष रूप से सबसे अधिक पाया जाता है। पालक खाने से शरीर में खून बढ़ता है, जिससे एनीमिया की बीमारी नहीं होती है।पालक में अधिकांश फाइबर होता है, जिससे पेट की परेशानी, अपच, कब्ज आदि रोग दूर होती है। पालक में मिलने वाला विटामिन के हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है।


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