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कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में नवरात्र व्रत पड़ सकता है सेहत पर भारी, जानिए क्‍या करें उपाय

घर में देवी मां की पूजा करते हैं कलश स्थापना करते हैं और नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। माता की भक्ति व आस्था के लिए व्रत करना तो ठीक है पर इसके लिए सेहत की अनदेखी करना कुछ भी न खाकर व्रत करना आपको भारी भी पड़ सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 09:54 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 01:19 PM (IST)
कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में नवरात्र व्रत पड़ सकता है सेहत पर भारी, जानिए क्‍या करें उपाय
सेहत की अनदेखी करना, कुछ भी न खाकर व्रत करना आपको भारी भी पड़ सकता है।

वाराणसी, जेएनएन। शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होने वाला है। लोग अपने घर में देवी मां की पूजा करते हैं, कलश स्थापना करते हैं और पूरे नौ दिनों तक व्रत भी रखते हैं। माता की भक्ति व आस्था के लिए व्रत करना तो ठीक है पर इसके लिए सेहत की अनदेखी करना, कुछ भी न खाकर व्रत करना आपको भारी भी पड़ सकता है। वरष्ठि फ‍िजिशियन डा. पीके तिवारी के अनुसार ऐसे समय में निर्जला व्रत रखने के बजाय फलाहार लें और शरीर में पानी व नमक की कमी न होने दें।

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आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डा. तिवारी ने बताया कि अभी दिन में उमस व गर्मी है। पसीना भी निकल रहा है। शरीर में पानी व नमक की कमी बिल्‍कुल न होने दें। इसलएि निर्ला व्रत यथा संभव न रहें। अमूमन देखा गया है कि दिन भर के व्रत के बाद शाम को लोग देशी घी या तैलीय पदार्थों का सेवन करते हैं। खाली पेट रहने के बाद शाम को वसायुक्त भोजन नुकसानदेह साबित हो सकता है। कई लोग मानते हैं कि ड्राई फ्रूट से ही शरीर के जरूरी पोषक तत्वों की कमी पूरी होगी, जबक सिंघाड़े का आटा, मूंगफली, मखाना, दही आदि भी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हैं। व्रत में मौसमी फलों,  कुट्टू आटे का सेवन करें और लगातार पानी पीते रहें।

घर में हों श्वांस रोगी तो न करें हवन

डा. तिवारी के मुताबकि कोरोना को देखते हुए पूजा-पाठ के लिए बाहर निकलने की बजाय घर में ही रहें। घर में यदि श्वांस रोगी हैं तो ध्यान रहे कि घर में धुंआ न होने पाए। इसके लिए हवन छत पर करें या बाहर लान में। यदि ऐसा प्रबंध नहीं है तो श्वांस रोगी को हवन चलने तक घर से बाहर किसी परिचित या रिश्‍तेदार के यहां भेज दें।

15 रूपये लीटर बढ़ गए दूध के दाम

कोरोना संक्रमण काल में इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए दूध को आवश्‍यक माना गया है। अभी दो दिन पहले तक शहर के दूध मंडियों में दूध का भाव 40-50 रूपये प्रति लीटर चल रहा था। लेकिन अचानक बुधवार को मंडी में दूध की मांग बढऩे के कारण दूध का भाव 60-65 रूपये प्रतिलीटर तक हो गया। बाजार के जानकारों की माने तो इसके पीछे दो कारण है। एक तो दो दिन बाद से नवरात्र शुरु हो रहा है। इसके कारण मिठाई की दुकानों पर फलाहारी बर्फी बनाने के लिए दूध की मांग बढ़ गई है। इस कारण मंडी में दूध की आवक कम हो गई है। दूसरा दूधियों का कहना है कि बारिश के बाद पड़ रही गर्मी के कारण दूध का उत्पादन कम हो गया है। इस कारण भी भाव में तेजी आई है। दूध व्यवसायियों ने बताया कि आने वाले तीन माह तक दूध के भाव अस्थिर रहेंगे। 

नहीं हुई इस बार पशुओं की अदला-बदली

दूध व्यवसायियों ने बताया कि उत्पादन कम होने के पीछे का मूल कारण यह भी है कि इस बार लाकडाउन के कारण हम लोग पशुओं की अदला-बदली नहीं कर सके हैं। लाकडाउन के पहले जो व्यवसायी अपने पुराने पशुओं को बदल लिए थे केवल वहीं इस समय लाभ कमा रहे हैं।

फलाहारी मिठाईयों की हो रही तैयारी

नवरात्र में नौ दिन का व्रत रखने वाले लोग पानी पीने के लिए फलाहारी बर्फी का प्रयोग करते हैं। इस कारण मिठाई बनाने वाले कारखानों में इन दिनों फलाहारी बर्फी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। फलाहारी बर्फी में चीनी की मात्रा कम होती है। खोवे के साथ मेवे भी मिलाए जाते हैं। इस कारण यह बर्फी सामान्य बर्फी की अपेक्षा 50 रूपये प्रतिकिलो महंगी पड़ती है। दूध का वर्तमान बाजार भाव देखकर मिठाई के दुकानदारों ने उम्मीद जताया कि इस बार फलाहारी बर्फी का रेट लगभग 300-340 रूपये प्रतिकिलो के आसपास रहेगा। 

तीन दिन में 60 रूपये किलो महंगा हुआ पनीर

दूध के दामों में हुई बढ़ोत्तरी के काऱण पनीर का भाव भी बढ़ गया है। तीन दिन पहले जहां पनीर का भाव 240 रूपये प्रतिकिलो चल रहा था वहीं बुधवार को पनीर 300 रूपये प्रतिकिलो तक बिका।


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