भ्रष्टाचार में आरटीओ सिपाही को जेल, सारनाथ थानाध्यक्ष तलब
वाराणसी : भ्रष्टाचार व अवैध वसूली के मामले में आरटीओ के सिपाही अजीत कुमार ने मंगलवार को अदालत में सम
वाराणसी : भ्रष्टाचार व अवैध वसूली के मामले में आरटीओ के सिपाही अजीत कुमार ने मंगलवार को अदालत में समर्पण कर दिया। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी ने आरोपी सिपाही की जमानत अर्जी खारिज करते हुए उसे जेल भेज दिया। निलंबित एआरटीओ आरएस यादव के साथ ही सिपाही अजीत कुमार और देव नारायण के खिलाफ वर्ष 2017 में 23 जून को मुगलसराय थाना में लूट व भ्रष्टाचार का आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में आरएस यादव को पुलिस ने जेल भेज दिया था लेकिन चार्जशीट दाखिल होने तक आरोपी सिपाहियों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।
इस प्रकरण की विवेचना पूरी कर चंदौली पुलिस ने आठ दिसंबर 2017 को अदालत में उक्त दोनों सिपाहियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। अदालत ने आरोपी अजीत और देवनारायण को हाजिर होने का समन जारी किया था। उधर, हाईकोर्ट ने आरोपी अजीत कुमार की ओर से दाखिल याचिका का निस्तारण करते हुए 13 अप्रैल 2018 को जिला न्यायालय में समर्पण कर जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का आदेश देते हुए समर्पण के लिए चार सप्ताह तक की अवधि मुकर्रर कर दी। इस आदेश पर आरोपी सिपाही ने अदालत में समर्पण किया। साथ ही उसकी ओर से जमानत की माग की गई। इस पर एडीजीसी संजय श्रीवास्तव ने आरटीओ सिपाही के अपराध के आधार पर जमानत निरस्त करने की दलील दी। अभियोजन तथा बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसी प्रकरण में अदालत ने गणपतनगर, सारनाथ निवासी आरोपी देव नारायण के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए इसकी तामिला सुनिश्चित कराने का सारनाथ थानाध्यक्ष को आदेश दिया था। हालांकि अब तक तामिला नहीं होने पर 11 मई को व्यक्तिगत रुप से हाजिर होने का थानाध्यक्ष को आदेश दिया गया है।